विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना महामारी अभी खत्म होने के करीब भी नहीं पहुंची है। WHO प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने मंगलवार को दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा कि कोविड-19 मामलों की ताजा लहरें दिखाती हैं कि महामारी “कहीं नहीं गई है। हमारे आसपास ही है।” कोविड-19 पर एक मीडिया ब्रीफिंग में, उन्होंने कहा, “मुझे चिंता है कि कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। पहले से बेहाल स्वास्थ्य ढांचे और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर और दबाव डाल रहे हैं। कोरोना से होने वाली मौतें अभी भी बहुत ज्यादा हैं।
उन्होंने सरकारों से मौजूदा महामारी नियमों के आधार पर अपनी COVID19 प्रतिक्रिया योजनाओं की नियमित समीक्षा करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने नए कोविड वेरिएंट के सामने आने की संभावना भी जताई। कोविड-19 पर WHO की आपातकालीन समिति ने पिछले सप्ताह ही एक बैठक की थी। इस बैठक में निष्कर्ष निकला कि कोरोना वायरस अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बना हुआ है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, “ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट, जैसे बीए.4 और बीए.5, दुनिया भर में मामलों में बढ़ोत्तरी का कारण बन रहे हैं। इससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है और मौतें भी हो रही हैं।” WHO की समिति ने आगे निगरानी के मुद्दे को भी उठाया जो काफी कम हो गया है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने सुझाव दिया कि “सरकारों को निगरानी (सर्विलांस), परीक्षण (टेस्टिंग) और अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) में आई कमी में फिर से तेजी लाने के साथ ही एंटी-वायरल को प्रभावी ढंग से साझा करने के लिए भी काम करना चाहिए।”
WHO प्रमुख ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन वायरस से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “टीकों ने लाखों लोगों की जान बचाई है। सरकारों के लिए यह बेहद अहम है कि वे सबसे अधिक जोखिम वाले समुदायों को बढ़ावा दें और जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है उनपर ध्यान केंद्रित करें, ताकि 70% टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता की दीवार खड़ी की जा सके।”
डॉ टेड्रोस ने महामारी की योजना बनाने और उससे निपटने की सलाह दी, उन्होंने कहा, “COVID19 की योजना बनाना और उससे निपटना खसरा, निमोनिया और दस्त जैसी जानलेवा बीमारियों के टीकाकरण के साथ-साथ चलना चाहिए। एचपीवी और मलेरिया सहित नए टीके पेश किए जाने चाहिए।”