बॉलीवुड में कब किसकी चमकी हुई किस्तम पलटी मार जाए और किसकी किस्मत कब चमक जाए, ये कह पाना मुश्किल है. कभी-कभी सितारे किसी फिल्म की हिस्सा इसलिए बनना नहीं पसंद करते हैं क्योंकि डर होता कि कहीं ये फ्लॉप फिल्म न बन जाए. हालांकि उनकी ये पूर्वाग्रह सोच फिल्म रिलीज के बाद गलत साबित हो जाता करती है. जिस फिल्म को वो इनकार कर चुके होते हैं. उसी फिल्म से कोई और एक्टर सुपरस्टार बन बॉलीवुड का नया बादशाह बन जाया है. कुछ ऐसा ही किस्सा धर्मेंद्र के साथ भी जुड़ा है.
ये बातें करीब 57 साल पुरानी है. ये बातें 60 के दशक के टाइम की. जब धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा में बेहद नए थे. वे अफने करियर में एक सुपरहिट फिल्म पाने को तरस रहे थे. तभी उनके हाथ एक ऐसी फिल्म लगी, जिसने उनके स्टारडम में चार चांद लगाने के साथ ही साथ उन्हें बॉलीवुड का सुपरस्टार बना दिया था. हालांकि उनके सुपरस्टार बनने की कहानी में उस समय के सुपरस्टार रहे सुनील दत्त की बेहद अहम भूमिका थी.
दरअसल, साल 1966 में डायरेक्टर ओपी रहलन की एक फिल्म आई थी. इस फिल्म का नाम था ‘फूल और पत्थर’. इस फिल्म में लीड एक्ट्रेस उस समय की टॉप एक्ट्रेस मीना कुमारी थीं. इस फिल्म में धर्मेंद्र ने बतौर लीड एक्टर काम किया था. वह मीना कुमारी के अपोजिट दिखे थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह फिल्म उस साल की गोल्डन जुबली हिट साबित हुई थी. इसके जरिए ही धर्मेंद्र को स्टारडम मिला था और उनके सुडॉल शरीर की वजह से उन्हें इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बतौर ही-मैन के रूप में भी स्वीकार किया गया था.
हालाांकि बेहद कम लोगों को पता है कि जिस रोल को निभाकर धर्मेंद्र रातों रात सुपरस्टार बन गए थे. वह रोल दरअसल, सुनील दत्त करने वाले थे. लेकिन उन्हें स्क्रिप्ट सुनने के बाद लगा कि ये फिल्म उनके लिए नहीं है. उन्हें डर था कि यह फिल्म फ्लॉप साबित होगी. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. यह फिल्म वर्ष 1966 में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी. कहा जाता है कि अगर इस फिल्म को सुनील दत्त स्वीकार कर लेते तो धर्मेंद्र को बॉलीवुड में कुछ दिनों और संघर्ष करना पड़ता. यह वही फिल्म है, जिसके एक सीन में धर्मेंद्र को बच्ची फरीदा को जलती हुई सीढ़ी से नीचे ले जाना था. इस सीन को करते वक्त धर्मेंद्र बुरी तरह से जल गए थे. वह मौत से बाल बाल बचे थे.
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