मानसून सत्र के दौरान प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कहां थे?

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्यसभा में हुए हंगामे को लेकर भाजपा के रवैये की आलोचना की है। पार्टी ने उच्च सदन की संचालन प्रक्रिया को लेकर मोदी सरकार से सात सवाल पूछे हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि मानसून सत्र के ये वे सवाल हैं जिनके जवाब केंद्र सरकार को देना चाहिए। 

टीएमसी ने सरकार से पूछा कि पूरे सत्र के दौरान प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कहां थे, उन्हें वक्त क्यों नहीं मिला जबकि सदन में दो पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा और मनमोहन सिंह मौजूद थे। विपक्ष आंतरिक सुरक्षा, पेगासस, एनएसओ और कृषि कानूनों के लेकर चर्चा चाहता था, लेकिन सत्ता पक्ष ने उसकी नहीं सुनी। बिना किसी बहस के लोकसभा और राज्यसभा में कुल 39 बिल पास हुए। क्या लोकतांत्रिक देश में ऐसे काम होता है। 2014 में भी 60-70 बिल समीक्षा के लिए एक संसदीय समिति के पास भेजे गए थे। हालांकि, अब केवल 11 फीसदी बिल ही जांच के लिए समिति के पास भेजे जाते हैं।

पार्टी ने सवाल किया कि आपातकालीन आधार पर अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने के लिए अध्यादेश का प्रयोग किया जाता है। आजादी के पहले 30 साल में हर 10 बिल के लिए सिर्फ एक अध्यादेश का इस्तेमाल हुआ। किंतु अब हर 10 बिल के लिए लगभग 4 अध्यादेशों का इस्तेमाल किया जाता है। यह किस तरह का संसदीय व्यवहार कर रही हैं भाजपा सरकार।

प्रधानमंत्री संसद से परहेज कर रहे हैं। यहां तक मनमोहन सिंह भी कभी इतने असहज नहीं थे। वह एक निश्चित दिन पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते थे। हालांकि, जब से भाजपा सत्ता में आई है, मोदी ने कभी किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। सरकार कहती है कि उनके पास राज्यसभा में भारी बहुमत है। दो साल हो गए, राज्यसभा के उपाध्यक्ष तक की नियुक्ति क्यों नहीं की गई।

16 अगस्त को खेला होबे दिवस मनाएगी पार्टी
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए टीएमसी ने 16 अगस्त को खेला होबे दिवस मनाने का फैसला किया है। पार्टी ने इस दिन को डायरेक्ट एक्शन डे के रुप में मनाने का आह्वान किया है। 

भाजपा कर रही सोशल मीडिया पर नियंत्रण की कोशिश
पार्टी ने कांग्रेस के नेताओं के ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने का भी विरोध किया। पश्चिम बंगाल इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि यह एक खतरनाक रुझान की ओर जा रहा है। इसका मतलब है कि भाजपा अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी नियंत्रित करेगी। वह यह भी तय करेंगे कि कौन ट्वीट कर सकता है, कौन नहीं।