2022 विधानसभा चुनाव से पहले इमरान मसूद कांग्रेस छोड़कर सपा में चले गए थे। वहां उनकी बात नहीं बनी तो वे बसपा के हाथी पर सवार हो गए। बसपा ने भी उनको पूरा सम्मान दिया। उन्हें यूपी कोआर्डिनेटर बनाया पर यहां भी मसूद लंबे समय तक नहीं टिक पाए। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
पश्चिमी यूपी के मुस्लिम राजनीति में बड़ा चेहरा माने जाने वाले इमरान मसूद बसपा से निकालने जाने के बाद इन दिनों फिर कांग्रेस पार्टी के जरिए घर वापसी करने जा रहे हैं। वह सात अक्तूबर को अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। इसकी पुष्टि खुद इमरान मसूद ने की है। उन्होंने बताया कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सपा में जाकर संतुष्ट थे, लेकिन हमारी दाल ज्यादा नहीं गल पाई। इसके बाद हमारे समर्थकों का बहुत दबाव था। इसके बाद हमने ने पार्टी छोड़ दी। फिर बसपा में आ गए। उस पार्टी ने हमें खुद ही निष्कासित कर दिया तो मैं अपनी पुरानी पार्टी में वापस जा रहा हूं। कांग्रेस का काफी अच्छा भविष्य है। पार्टी को मजबूत करूंगा अगर पार्टी टिकट देगी तो देखा जाएगा। अभी सात अक्टूबर को अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में कांग्रेस जॉइन करूंगा।
दरअसल विधानसभा चुनाव 2022 से पहले इमरान कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली प्रदेश प्रभारी का पद छोड़कर सपा में चले गए थे। लेकिन वहां उन्हें या उनके किसी साथी को टिकट नहीं दिया गया। इसके चलते इमरान का सपा से मोहभंग हो गया और वह बसपा में चले गए। राजनीतिक जानकर बताते हैं कि चुनाव के बाद बसपा ने उनकी भाभी को मेयर का टिकट दिया, लेकिन हार गईं। पिछले दिनों उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ की तो बसपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। अब वह फिर से कांग्रेस में घर वापसी कर रहे हैं। बसपा ने उन्हें पूरा सम्मान दिया और पश्चिमी उत्तर प्रदेश कोआर्डिनेटर तक बनाया। जब इमरान ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को देश का असली हीरो बताया तो बसपा ने इमरान को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके बाद अपने नए ठिकाने की तलाश के लिए इमरान जुट गए अब वह एक बार फिर से अपने पुराने घर कांग्रेस में वापस जा रहे हैं।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय का मानना है कि इमरान मसूद की कांग्रेस में आने के बाद लोकसभा चुनाव में असर हो सकता है। उनकी मुस्लिम समाज पर मजबूत पकड़ है। कांग्रेस पहले से ही इंडिया गठबंधन में शामिल है। यदि इमरान को लोकसभा चुनाव का टिकट मिलता है तो वह मुस्लिम वोटरों को साधने में कामयाब हो सकते हैं। इमरान मसूद पहले भी तीन बार सहारनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि कामयाबी नहीं मिली है। उनके लड़ने से भाजपा को टक्कर जरूर मिल सकती है। इमरान मसूद के कांग्रेस आने को लेकर वरिष्ठ प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि इमरान मसूद पहले भी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। ऐसे समय में जब राहुल गांधी जी पूरे देश को जोड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं तो वह पार्टी में आते हैं तो उनका स्वागत है।