बॉलीवुड के सुपर स्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को लेकर जितनी कहानियां फिल्मी गलियारों में सुनी और सुनाई जाती है, शायद ही उतनी किसी एक्टर के बारे में होती हैं. राजेश साधारण चेहरे-मोहरे वाले एक एक ऐसे एक्टर थे जिनकी हर अदा पर लड़कियां दीवानी थीं. कहते हैं कि उस दौर में हर एक्ट्रेस उनके साथ फिल्म करना चाहती थी, लेकिन कुछ एक्ट्रेस ऐसी भी थीं कि शुरुआती दिनों में राजेश के साथ काम करना नहीं चाहती थीं. ऐसी हीं थी दिग्गज एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh), लेकिन उनके सामने ही राजेश का ऐसा स्टारडम लोगों के सिर ऐसा चढ़ा कि एक्ट्रेस आज भी उनका जलवा याद करती हैं.
राजेश खन्ना और आशा पारेख ने एक साथ फिल्म ‘आन मिलो सजना’ में काम किया था. यह बात सन 1970 की है. आशा-राजेश की इस फिल्म का एक गाना ‘तेरे कारन,तेरे कारन..तेरे कारन, मेरे साजन’ आज भी पसंद किया जाता है. ये फिल्म जबरदस्त हिट रही थी. इस फिल्म की शूटिंग के दिनों को याद करते हुए एक बार मीडिया से बातचीत में आशा ने बताया था कि ‘जब फिल्म की शूटिंग चल रही थी तो इतनी लड़कियां शूटिंग लोकेशन पर उनसे मिलने पहुंच जाती थीं कि हमे शूटिंग रद्द कर देनी पड़ती थी’.
आशा पारेख ने बताया था कि ‘मैंने पहली बार जब राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘बहारों के सपने’ में काम किया था. उस समय वह बेहद शर्मीले स्वभाव के एक्टर थे लेकिन दो साल में ही राजेश खन्ना का जादू इतनी तेजी से दर्शकों, खासकर महिलाओं के सिर चढ़ा कि देखते ही देखते सब बदल गया. राजेश खन्ना सुपरस्टार बन गए. आशा की माने तो लड़कियां उन्हें छू लेने के लिए बेताब रहती थीं. महिलाओं के बीच उन्हें लेकर गजब की दीवानगी थी.
राजेश खन्ना का जादू सिर चढ़कर बोलता था, फैंस उनके स्टाइल को किया करते थे कॉपी
कहते हैं कि आशा पारेख ने 1967 में ‘बहारों के सपने’ में राजेश खन्ना के साथ काम करने से इनकार कर दिया था. क्योंकि जब राजेश ने बॉलीवुड में कदम रखा था तो उस वक्त आशा पारेख की इंडस्ट्री में तूती बोलती थी. ऐसे में जब निर्देशक नासिर हुसैन ने आशा को राजेश के संग साइन किया तो वह काम नहीं करना चाहती थीं, क्योंकि उन्हें राजेश के चेहरे पर मुंहासे पसंद नहीं थे. हालांकि ये फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी लेकिन ‘आन मिलो सजना’ तक आते-आते राजेश का ऐसा जादू छाया कि उनके नाम से ही फिल्में हिट होने लगी थी.