जब 2008 में मुलायम सिंह बने थे मनमोहन सिंह के खेवनहार, बचा ली थी सरकार ?

पूर्व प्रधानमंत्री और जाने माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में गुरुवार रात दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. मनमोहन सिंह के निधन पर पक्ष और विपक्ष सभी दलों के नेता उन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनसे जुड़े किस्सों को भी साझा कर रहे हैं. उसी से जुड़ा एक किस्सा है जब 2008 में मनमोहन सिंह की सरकार पर खतरा मंडरा रहा था और कैसे मुलायम सिंह उनके खेवनहार बने.

दरअसल, 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में UPA की सरकार बनी. इस सरकार को लेफ्ट और समाजवादी पार्टी का समर्थन था. 2008 में भारत-अमेरिका न्यूक्लियर डील पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पीछे हटने को तैयार नहीं थे. जबकि लेफ्ट और सहयोगी समाजवादी पार्टी इस डील के खिलाफ थीं. हालात ऐसे हो गए थे कि सरकार के गिरने का खतरा मंडरा रहा था. लेफ्ट ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. उन दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह मुलायम सिंह के काफी करीब थे.

अमर सिंह ने मुलायम को मनाया था

कहा जाता है कि अमर सिंह ने ही मुलायम सिंह को मनमोहन सरकार का समर्थन करने के लिए मनाया था. उस समय समाजवादी पार्टी संख्या के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी थी. मुलायम सिंह भी मनमोहन सरकार के इस फैसले से खुश नहीं थे. लेकिन अमर सिंह के कहने पर मुलायम सिंह यादव ने अचानक से अपना रुख बदल लिया. एक समय जो सरकार गिर रही थी अचानक से मुलायम सिंह के समर्थन से बच गई. उस वक्त मुलायम सिंह ने कहा था कि उनका फैसला राष्ट्रहित में लिया गया है.

अखिलेश ने दो दिन पहले शेयर किया था फोटो

मनमोहन सिंह के निधन से दो दिन पहले ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह की एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा था कि नदियों को जोड़ना देश को जोड़ना है. दरअसल, अखिलेश यादव का यह पोस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केन-बेतवा नदी को जोड़ने के कार्यक्रम से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने कहा कि दो नेताओं ने यह सपना बहुत पहले देखा था. लेकिन इस पोस्ट के दो दिन बाद ही मनमोहन सिंह का निधन हो गया.

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