महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पड़ोसियों ने बताया, जब शिंदे चॉल में भी रहते थे तो एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति रहे। वो 35 वर्षों तक ठाणे में एक चॉल में रहते थे।
पड़ोसियों में से एक ने एक पुरानी घटना का जिक्र किया जब एकनाथ शिंदे ने 1989 में मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) दंगों के दौरान एक महिला और उसके बच्चे की मदद की। चूंकि इलाके में दंगों के दौरान परिवहन के कोई साधन उपलब्ध नहीं थे, शिंदे ने बच्चे और उसकी मां को लेने के लिए एक ऑटो रिक्शा चलाया और उन्हें अस्पताल ले गए। पड़ोसी ने बताया कि शिंदे ने रात में अपनी चॉल से अस्पताल तक ऑटो रिक्शा खुद चलाया था।
शिंदे की निष्ठा और समर्पण की प्रशंसा करते हुए, पड़ोसी ने कहा, “शिंदे शायद ही सो पाते होंगे क्योंकि वह हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने जिस तरह का समर्पण और निष्ठा दिखाई है, वह काबिले तारीफ है।”
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होने की घोषणा फडणवीस और शिंदे द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राजभवन में राज्यपाल बीएस कोश्यारी से मिलने के तुरंत बाद हुई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को फ्लोर टेस्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।