तीन तलाक कानून बने तीन साल हो गए, लेकिन इस तरह के तलाक खत्म नहीं हो रहे। पति को जेल जाने से बचाने के लिए महिलाओं को कभी देवर से हलाला करना पड़ रहा, तो कभी बहनोई से। इसके बाद भी उनका शौहर उन्हें रखने को तैयार नहीं है। कई महिलाओं का हाल आधी विधवाओं की तरह हो गया है। ना वे पति के साथ रह सकती हैं, ना ही उन्हें कोई मेंटेनेंस मिल रहा।
‘’18 साल की थी जब मेरा निकाह हुआ। दो-तीन महीने बाद ही शौहर गाली-गलौज और मारपीट करने लगा। सब्जी में नमक कम हुआ तो पिटाई, मिर्च ज्यादा हो गया तो पिटाई। ना मुझे मायके जाने दिया जाता, ना मेरे घर वालों को यहां आने देते। ऐसा लग रहा था जैसे मारपीट ही नाश्ता हो, मारपीट ही खाना हो। फिर भी मैं सहती रही।
इस तरह 18 महीने गुजर गए। एक दिन शौहर ने तलाक, तलाक, तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। तब बेटी सिर्फ 7 महीने की थी। मैं रोई-गिड़गिड़ाई तो कहा कि अब तुम्हारा हलाला होगा, तभी मेरे साथ रह सकती हो।
रिश्ता बचाने के लिए मैं हलाला के लिए राजी हो गई। शौहर ने देवर को बुलाया और कहा कि इससे तुम हलाला करो।
जिस रात देवर ने मुझसे संबंध बनाए, मैं बहुत रोई। बहुत गंदा महसूस हुआ। खुद से घिन आने लगी। ना किसी से बात करती, ना खाना खा पाती, लेकिन क्या करती। रिश्ता बचाने का यही एक रास्ता था। तीन महीने तक देवर का जुल्म सहती रही।
मार्च, 2017 में शौहर से दोबारा निकाह हुआ। मैं खुश थी कि अब सब ठीक हो जाएगा, लेकिन वे और ज्यादा मारपीट करने लगे। सास से शिकायत करती तो वे कहतीं कि कोई बात नहीं, मर्द तो पीटते ही हैं। इधर बेटी भी बड़ी हो रही थी। उसके लिए मैं हर दिन मार-पीट झेलती रही।
दो साल बाद वे मुझ पर दहेज के लिए दबाव बनाने लगे। उन्होंने कहा कि अपने अब्बू से पैसे मांगो। मैंने पहले समझाया कि वे पहले से कर्ज में दबे हैं। पैसे नहीं दे पाएंगे। इस पर एक दिन शौहर ने फिर से तलाक दे दिया।
मैंने मायके जाने की कोशिश की तो जाने नहीं दिया। उन्हें लगा कहीं वहां जाकर पुलिस से शिकायत ना कर दे। शौहर ने कहा कि फिर से छोटे भाई के साथ हलाला करो। तब मैं तुम्हें रखूंगा। मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। देवर तीन महीने तक मेरे साथ संबंध बनाता रहा। इसके बाद शौहर से निकाह तो हुआ, लेकिन मुझे तत्काल मायके भेज दिया गया।
कुछ दिन मायके में रहने के बाद पति के पास जाना चाहा तो मना कर दिया। मैं रोज-रोज आने की बात कहने लगी तो एक दिन फोन पर तलाक, तलाक, तलाक बोल दिया। मैं तो सन्न रह गई। मेरे हाथ से फोन गिर गया। रोते हुए दोबारा फोन किया तो अपने बहनोई के साथ हलाला करने को बोलने लगे।
मैं चिढ़ गई, मैंने झल्लाते हुए कहा कि बार-बार मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो। इस पर उन्होंने कहा तुम हो ही इसी लायक, तुम्हें रहना है तो ऐसे ही रहना होगा मेरे साथ। मैं तुम्हें बीवी नहीं मानता।’’
ये कहानी है UP के रायबरेली की रहने वाली रजिया बानो की। बार-बार पति के तलाक से परेशान होकर 26 साल की रजिया ने पति के खिलाफ केस किया।
आठ दिन तक लगातार थाने जाती रही। तब जाकर पुलिस ने उनके पति को गिरफ्तार किया। पिछले 8 महीने से पति जेल में है। रजिया के पास कोई सोर्स ऑफ इनकम नहीं है। अपने पिता के साथ जैसे-तैसे गुजारा कर रही हैं।