क्या है BRICS का महत्व, जहां मिलेंगे मोदी-पुतिन-जिनपिंग

  • ब्राजील के शहर ब्रासिलिया में हो रही है 11वीं BRICS समिट
  • पीएम मोदी इस समिट में शामिल होने के लिए गए हैं
  • यह समिट भारत के लिए काफी मायने रखती है

पीएम मोदी 11वें BRICSसम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील के शहर ब्रासिलिया पहुंचे हैं. पीएम मोदी यहां कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे. वह ब्रिक्स की बिजनेस फोरम क्लोजिंग सेरेमनी में भी हिस्सा लेंगे. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है BRICS संगठन और भारत के लिए क्या है इसका महत्व.

क्या है BRICS

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्ष‍िण अफ्रीका के संगठन को संयुक्त रूप से BRICS कहते हैं. इस संगठन की स्थापना साल 2006 में हुई थी. पहले इसका नाम BRIC था क्यों‍कि इसकी शुरुआत ब्राजील, रूस, भारत, चीन के साथ हुई थी, लेकिन बाद में इसमें दक्ष‍िण अफ्रीका को भी शामिल किया गया. हर साल ब्रिक्स देशों का सालाना सम्मेलन होता है जिसमें इनके शीर्ष नेता शामिल होते हैं. पिछला यानी 10वां BRICS समिट 8 जनवरी, 2018 को दक्ष‍िण अफ्रीका में हुआ था.

अब 13 साल बाद BRICS एक ताकतवर संगठन बन चुका है और इसकी पांच अर्थव्यवस्थाओं की दुनिया की कुल जनसंख्या में 42 फीसदी, वैश्विक जीडीपी का 23 फीसदी और वैश्विक व्यापार का करीब 17 फीसदी हिस्सेदारी है.

कैसे हुआ था गठन

30 नवंबर, 2001 को ब्रिटेन के इकोनॉमिस्ट और गोल्डमैन सैक्श एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चेयरमैन जिम ओ नील ने चार उभरती अर्थव्यवस्थाओं ब्राजील, रूस, भारत और चीन को बताने के लिए ‘BRIC’ टर्म का इस्तेमाल किया. उन्होंने एक पेपर में लिखा कि ये चार अर्थव्यवस्थाएं व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से मिलकर ज्यादा आर्थिक जगह हासिल कर सकती हैं और अगले 50 वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बन जाएंगी.

तब उन्होंने लिखा था कि 2001 से 2002 में ही बड़े उभरते देशों की रियल जीडीपी ग्रोथ जी-7 देशों से ज्यादा हो जाएगी. साल 2000 के अंत में ही BRIC देशों का जीडीपी दुनिया के 23.3 फीसदी तक हो गया था.

कब हुआ पहला सम्मेलन

BRIC की औपचारिक रूप से स्थापना हुई जुलाई 2006 में रूस के सेंट्स पीटर्सबर्ग में जी-8 देशों के सम्मेलन के अवसर पर रूस, भारत और चीन के नेताओं की बैठक के बाद. इसके बाद सितंबर 2006 में न्यूयॉर्क में BRIC देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई और इसी में BRIC की औपचारिक शुरुआत हुई. पहला ब्रिक सम्मेलन 16 जून, 2009 को रूस के येकतेरिनबर्ग में आयोजित किया गया.

इसके बाद सितंबर 2010 में न्यूयॉर्क में BRIC के विदेश मंत्रियों की बैठक में यह तय किया गया कि संगठन का विस्तार करते हुए इसमें दक्षिण अफ्रीका को भी शामिल किया जाए. इसके बाद संगठन का नाम BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका) हो गया. 14 अप्रैल 2011 को सनाया में BRICS का समिट हुआ जिसमें दक्ष‍िण अफ्रीका ने भी हिस्सा लिया. पिछले साल दक्ष‍िण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में BRICS देशों की 10वीं वर्षगांठ मनाई गई.

मौजूदा ब्रिक्स समिट का भारत के लिए क्या है महत्व

ब्राजील के शहर ब्रासिलिया में BRICS का 11वां सम्मेलन हो रहा है जिसमें हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी पहुंचे हैं. साल 2014 में पहली बार पीएम बनने के बाद पीएम मोदी छठी बार इस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. यह भारत के लिए BRICS देशों के दूसरे चक्र की शुरुआत है. भारत के लिए यह संगठन काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विकासशील देशों की उभरती हुई आवाज बन चुका है.

ब्रिक्स देशों को विकसित देशों के आक्रामक संगठनों से तगड़ी चुनौती मिलती रहती है, इसके अलावा WTO से लेकर जलवायु परिवर्तन के मसले तक विकासशील देशों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में भारत का यह मानना है कि BRICS से ही विकासशील देशों के हितों की रक्षा हो सकती है. ब्रिक देश आपस में दो तरह से सहयोग करते हैं, पहला- इसके नेताओं और मंत्रियों की बैठकों में पारस्परिक हितों के मसले पर परामर्श होती है और व्यापार, वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा, टेक्नोलॉजी, कृषि और आईटी जैसे मसलों पर इन देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कर सहयोग कायम किया जाता है.

पिछले एक दशक में वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका बढ़ी है, ऐसे में भारत BRICS में भी लीडरशिप करना चाहता है. भारत ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इस संगठन का आतंकवाद के प्रति रुख को सख्त बनाया है और इसकी वजह से आतंकवाद से निपटने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

इस साल BRICS में आतंकवाद से निबटने पर बने संयुक्त कार्यसमूह ने पांच क्षेत्रों में सब-वर्किंग समूहों का गठन करने का निर्णय लिया है- टेरर फाइनेंसिंग, आतंकवाद के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल, कट्टरता का मुकाबला, विदेशी आतंकी लड़ाकों का मसला और क्षमता निर्माण.

पिछले महीने BRICS के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में एनएसए अजीत डोभाल ने यह प्रस्ताव रखा कि डिजिटल फॉरेन्सिक्स पर एक वर्कशॉप हो जिसका आयोजन भारत में किया जाए. आतंकवाद को BRICS देशों के शीर्ष एजेंडे में रखवाना वास्तव में भारत के लिए एक बड़ी सफलता है.

ब्राजील में आयोजित सम्मेलन में BRICS देशों के नेता अपने नागरिकों के आर्थ‍िक विकास के लिए सहयोग पर विचार करेंगे. इस दौरान ब्रिक्स बिजनेस कौंसिल की एक बैठक होगी और व्यापार एवं निवेश प्रोत्साहन एजेंसियों के बीच एमओयू पर दस्तखत होंगे. समिट के अंत में BRICS के नेताओं का संयुक्त घोषणापत्र जारी होगा.

साल 2021 का BRICS समिट भारत में ही होने वाला है, इसलिए ब्राजील का समिट भारत के लिए अपनी जमीनी तैयारी को मजबूत करने का एक अवसर होगा. इसके पहले साल 2016 में भारत के गोवा में BRICS समिट हो चुका है.