मंदी की मार झेल रहे पाकिस्तान की मुश्किलें हर दिन के साथ बढ़ती जा रही हैं। वहां महंगाई दर 34.5 फीसदी पर पहुंच गई है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत घटकर 3.09 अरब डॉलर रह गया है। बीते 10 वर्षों में यह सबसे कम है। इससे पाकिस्तान सिर्फ तीन सप्ताह तक ही आयात कर सकता है।
आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान को आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की उम्मीद है। इसके लिए वह आईएमएफ की कड़ी ऋण शर्तों को मानने को तैयार हो गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार क्या होता है?
विदेशी मुद्रा भंडार में बैंक नोट, जमा, बॉन्ड, सोना आदि शामिल होते हैं। इन परिसंपत्तियों को रखने के पीछे कई उद्देश्य होते हैं। किसी देश की राष्ट्रीय मुद्रा में तेजी से गिरावट या पूरी तरह से दिवालिया हो जानें की स्थिति में केंद्रीय बैंक के पास रखा बैकअप फंड काम आता है।
दुनिया भर के देश अपने केंद्रीय बैंक के लिए पर्याप्त मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार रखते हैं। इनमें से अधिकांश भंडार अमेरिकी डॉलर में रखे जाते हैं क्योंकि यह दुनिया में सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्रा है।
आर्थिक संकट के दौर में, जैसा कि पाकिस्तान झेल रहा है। आयात और निर्यात करने के लिए केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान कदम उठा सकता है और स्थानीय मुद्रा के लिए विदेशी मुद्रा का आदान-प्रदान कर सकता है। लेकिन कम भंडार के साथ यह संभव नहीं है। विदेशी मुद्रा, वित्तीय ऋण को चुकाने के लिए आवश्यक होती है, यही कारण है कि पाकिस्तान अभी संकट में फंसा हुआ है।
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