द केरल स्टोरी देखने के बाद लखनऊ के छात्राओं ने क्या कहा, पढ़िए रिपोर्ट

लखनऊ के साहू सिनेमा हॉल में शनिवार को 101 छात्राओं को विवादों में चल रही फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ दिखाई गई। हॉल से बाहर निकलने के बाद लड़कियों ने कहा कि हम लोगों को ब्रेनवॉश से बचना होगा। दोस्ती सोच-समझकर करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने इसका आयोजन किया था। बता दें कि तमाम विरोध के बावजूद 5 मई यानी शुक्रवार को यह फिल्म रिलीज हुई।
लखनऊ में भाजयुमो प्रदेश मंत्री अभिजात मिश्रा ने कहा, स्कूल की लड़कियों को जागरूक करने के लिए फिल्म दिखाई गई है। ये फिल्म एक मुद्दा उठा रही है। सामाजिक परिदृश्य को झकझोर देने वाली फिल्म है। हर वर्ग को ये मूवी जरूर देखनी चाहिए। इससे बीते कल में क्या हुआ, ये हकीकत समझने में आसानी होगी।
आगरा में युवा मोर्चा के ब्रज क्षेत्र मंत्री गौरव राजावत ने बताया कि जो भी छात्रा और महिला फिल्म को देखना चाहती हैं, हम उन्हें यह मूवी अपने खर्चे पर दिखाएंगे। इसके लिए मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की हिंदू युवतियों, महिलाओं और छात्राओं के साथ लव जिहाद के नाम पर जो अत्याचार किया जाता है।
राजावत ने कहा कि इस फिल्म को देखकर हिंदू युवतियों को सबक लेना चाहिए। चंदन का टीका लगाकर और हाथ में कलावा बांधकर हिंदू बहनों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। फिर उनका धर्म परिवर्तन करा कर लव जिहाद को अंजाम देते हैं
वाराणसी में शुक्रवार देर रात अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती समेत कई मठों के संतों ने सिगरा के एक माल में द केरला स्टोरी फिल्म देखी। जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, इस राष्ट्र की एकता एवं अखंडता और हिंदुस्तान के एक राज्य को टारगेट कर इतनी बड़ी साजिश की गई।

32 हजार लड़कियां केरल राज्य से गायब हो गईं। उन्हें किन परिस्थितियों में पहुंचा दिया गया। उन्हें आईएसआईएस जैसे खूंखार आतंकी संगठन के आत्मघाती दस्ते में इस्तेमाल किया गया। ये कहीं न कहीं केरल में एक बड़ी साजिश हुई है।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”जो लोग बीबीसी की डाक्यूमेंट्री के बैन होने पर रो रहे थे। वहीं लोग इस फिल्म को बैन कराने के लिए केरल हाईकोर्ट पहुंचे थे। तो क्या अभिव्यक्ति की आजादी एकपक्षीय है। अभिव्यक्ति की आजादी तो सभी के लिए बराबर है तो बीबीसी की डाक्यूमेंट्री और केरल स्टोरी सभी एक जैसी होनी चाहिए।
पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालक दास ने कहा, ”द केरल स्टोरी फिल्म, कहीं ना कहीं सच्चाई है। फिल्म एक आईना होता है और इस सच्चाई को सभी को देखना चाहिए। अब तक जो पिक्चरें बॉलीवुड की तरफ से बनती आई व कहीं ना कहीं सनातन धर्म का अपमान करती आई है
द केरल स्टोरी को फिल्ममेकर सुदीप्तो सेन ने डायरेक्ट किया है। फिल्म अपनी कहानी को लेकर विवादों में है। इसकी रिलीज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक मैटर गया। हालांकि कोर्ट ने फिल्म की रिलीज को रोकने से मना कर दिया। फिल्म की कहानी लड़कियों के कन्वर्जन पर बेस्ड है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे आतंकी संगठन ISIS लड़कियों को बहला फुसलाकर अपने टेरर ग्रुप में रिक्रूट करता है।
हालांकि तमाम विरोध के बावजूद फिल्म को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। 28 करोड़ में बनी इस फिल्म ने पहले ही दिन 7.5 करोड़ रुपए का कलेक्शन कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, ऑडियंस की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई थिएटर्स ने एक्सट्रा शोज बढ़ाए हैं। देर रात तक फिल्म के शोज चल रहे हैं। फिल्म को मध्य प्रदेश में टैक्स फ्री करने की भी खबर है।