बैटिंग के दौरान कप्तान ने क्या कहा ? पढ़िए खबर

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, ‘यशस्वी टैलेंटेड खिलाड़ी हैं। वह प्लान से जरा भी नहीं भटके और रन बनाए। उनके साथ बैटिंग करते हुए यही कह रहा था कि मेहनत से यहां तक पहुंचे हो, अब अच्छे से एंजॉय करो।’
यशस्वी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में ही 171 रन की पारी खेली। टीम इंडिया ने मुकाबला जीता और यशस्वी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। मैच के बाद रोहित शर्मा ने टीम इंडिया और यशस्वी को लेकर अहम बातें कही।
‘यशस्वी टैलेंटेड खिलाड़ी हैं। वह 2-3 सालों से लगातार परफॉर्म कर रहे थे। हमें पता था, वह अच्छा करेंगे और बड़े स्टेज के लिए भी तैयार हैं। यशस्वी ने बहुत धैर्य से बैटिंग की, उन्होंने टेम्परामेंट दिखाया और प्लान को प्रॉपर्ली एग्जीक्यूट किया। पिच स्लो थी, लेकिन यशस्वी ने गेम में इम्प्रूवमेंट करते हुए बैटिंग की और सेंचुरी लगाई।”पिच पर बैटिंग करते हुए उसे लगातार बता रहा था कि तुम यहीं के लिए (इंटरनेशनल क्रिकेट) बने हो। खुद में विश्वास बहुत जरूरी है, क्योंकि पहले टेस्ट में बहुत सवाल दिमाग में घूमते हैं कि मैं यहां टिकूंगा या नहीं। साथ में बैटिंग करते हुए मेरा यही काम था कि उसे कहता रहूं, तुम बहुत मेहनत से यहां तक पहुंचे हो। अब अपने गेम को एंजॉय करो। रिजल्ट की चिंता मत करो, बस अपना नेचुरल गेम खेलो, रिजल्ट भी अच्छे ही मिलेंगे।’
रोहित शर्मा वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में डेब्यूटांट यशस्वी के साथ ओपनिंग करने उतरे। दोनों ने सेंचुरी लगाई और 229 रन की पार्टनरशिप की। दोनों ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के लिए सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी का रिकॉर्ड भी तोड़ा। यह रिकॉर्ड संजय बांगर और वीरेंद्र सहवाग (201 रन) ने 2002 में बनाया था।
‘मैं बस कह रहा था कि हमारे पास डिक्लेयर करने से पहले एक या 2 ही ओवर बाकी हैं। मैं चाह रहा था कि ईशान पहला रन बना ले। वो 15-20 गेंदें खेलने के बाद भी खाता नहीं खोल सके थे। मैं बस यही कह रहा था कि डेब्यू पर वो जल्दी पहला रन ले तो हम पारी डिक्लेयर कर दें।’

यशस्वी के साथ विकेटकीपर ईशान किशन ने भी भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया। उन्होंने 19 गेंदें डॉट खेलने के बाद 20वीं गेंद पर पहला रन लिया। उनके रन लेते ही भारत ने 422/5 के स्कोर पर पहली पारी डिक्लेयर कर दी।
‘रिजल्ट उनके बारे में खुद ही बता देते हैं। दोनों लम्बे समय से टीम इंडिया के लिए अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। उन्हें ज्यादा बताने की जरूरत भी नहीं पड़ती, दोनों अनुभवी हैं। उन्हें बॉलिंग के साथ फ्रीडम भी देते हैं क्योंकि जब ये दोनों अपने पीक पर रहते हैं तो टीम हमेशा ही अच्छा करती है।’
रविचंद्रन अश्विन ने मैच में 12 और रवींद्र जडेजा ने 5 विकेट लिए। दोनों के 17 विकेट के दम पर भारत ने वेस्टइंडीज को पहली पारी में 150 और दूसरी पारी में 130 रन पर ऑलआउट कर दिया।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पारस म्हाबरे ने भी यशस्वी की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘पिच धीमी थी। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, रन बनाना भी मुश्किल हो रहा था। यशस्वी अपने शॉट्स खेलने के लिए पहचाने जाते हैं, लेकिन पिच के हिसाब से उन्होंने जिस तरह अपने आप को ढाला, वो बहुत इम्प्रेसिव था। इंटरनेशनल लेवल पर आपको इसी तरह एडाप्ट करना होता है।’
यशस्वी जायसवाल ने भारत से डेब्यू टेस्ट में ही शतक लगाया और क्रिकेट की दुनिया को अपनी पहचान बता दी। यशस्वी 12 साल की उम्र में अपना क्रिकेट करियर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश से मुंबई आए थे। 9 साल बाद उन्होंने भारत के लिए डेब्यू किया और पहले ही मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 171 रन की मैराथन पारी खेल दी
भारत ने पहला टेस्ट तीसरे दिन ही पारी और 141 रन से जीत लिया। 171 रन बनाने वाले यशस्वी जायसवाल और मैच में 12 विकेट लेने वाले रविचंद्रन अश्विन टीम इंडिया के हीरो रहे। मैच के तीसरे दिन विराट कोहली का डांस देखने को मिला।