रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चुनाव से कुछ दिन पहले देश के नाम संबोधन दिया। 2 घंटे से ज्यादा समय चले इस भाषण में उन्होंने कहा- रूस के बिना विश्व में शांति संभव नहीं है। पश्चिमी देश रूस और यूक्रेन दोनों को बर्बाद करना चाहते हैं। हमारे अंदरूनी मामलों में कोई दखल नहीं दे सकता।
पुतिन ने कहा यूक्रेन में हो रहे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में हमें जनता का समर्थन मिला। उन्होंने जंग लड़ रहे सैनिकों को हीरो बताया। उन्होंने कहा- सैनिकों को पूरे देश का समर्थन मिल है। पुतिन जंग में मारे गए सैनिकों के लिए एक पल के लिए मौन हुए।
इसके बाद उन्होंने कहा- रूस अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है। अमेरिका देश में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। वो देश में विभाजन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से दृढ़ है। लेकिन एकता के जरिए हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। एकता से ही हमने कोरोना और आतंकवाद का मुकाबला किया है।
सैटेलाइट तबाह करने वाले हथियारों को लेकर पुतिन ने कहा- रूस परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को जिम्मेदारी के तौर पर देखता है।
अमेरिका ने हम पर आरोप लगाए की हम सैटेलाइट तबाह करने वाले हथियार बना रहे हैं। ये झूठ है। वो हमें बुरा दिखाना चाहता है।
पिछले 15 साल से हम परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को रोकने का प्रस्ताव रख रहे हैं।
पश्चिम हमें शीत युद्ध की तरह हथियारों की होड़ में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।
नाटो देश हम पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा करने के लिए वे सबसे प्रभावी ताकतों का इस्तेमाल कर रही हैं।
नाटो ने स्वीडन और फिनलैंड को शामिल किया है। नाटो के इस विस्तार के बाद रूस के लिए खुद की रक्षा करना अहम हो गया है।
उन्हें यह समझना होगा कि हमारे पास भी हथियार हैं, ऐसे हथियार जो उन्हें उनके ही क्षेत्र में हरा सकते हैं। इस तरह के कदम से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल सकता है।
रूस ने 2014 में यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में युद्ध शुरू नहीं किया था, लेकिन इसे खत्म करने और देश से नाजीवाद को मिटाने के लिए हम हर संभव कोशिश करेंगे।
रूस मित्र देशों के साथ राजनीति से मुक्त एक नया ग्लोबल फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की योजना बना रहा है।
जो भी रूस पर हमले की कोशिश करेगा, उसे दूसरे विश्व युद्ध की तुलना में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में अपने सैनिकों को भेजने की संभावना जताई है। ऐसा करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
पुतिन बोले- हमने आर्थिक विकास में G7 देशों को पीछे छोड़ा
संबोधन के दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- पिछले साल देश ने आर्थिक विकास के मामले में सभी G7 देशों को पीछे छोड़ दिया। मुझे पूरी उम्मीद है कि हम जल्द ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
पुतिन ने कहा- रूस की अर्थव्यवस्था के साथ जनता की इनकम में भी बढ़ोतरी होने की जरूरत है। पुतिन ने 2030 तक मिनिमम वेज को 35 हजार रूबल करने का लक्ष्य रखा।
रूस के घरेलू मामलों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- देश में बर्थ रेट गिर रहा है। अगले छह सालों में हमें एक स्थायी जन्म दर हासिल करनी होगी। हमें बड़े परिवारों को बढ़ावा देना होगा। पुतिन ने कहा कि 2030 तक गरीबी स्तर को 30% से घटाकर 7% करना है।
बता दें कि फेडरल असेंबली में पुतिन की यह 19वीं एनुअल स्पीच मॉस्को के रेड स्क्वायर में गोस्टिनी ड्वोर में हो रही है। साथ ही चुनाव से पहले यह पुतिन का आखिरी आधिकारिक भाषण भी है। दरअसल, रूस में 15-17 मार्च तक राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं। हालांकि, इलेक्शन से पहले ही पुतिन का फिर से राष्ट्रपति बनना तय है।
पुतिन की स्पीच को देशभर के 20 शहरों के सिनेमाघरों में मुफ्त में दिखाया जा रही है। पुतिन के संबोधन में शामिल होने के लिए करीब 1000 लोगों को न्योता दिया गया है। इसमें रूसी सांसद, सरकार और अदालतों के अधिकारी, गवर्नर, कई डिप्लोमैट्स और पत्रकार शामिल हैं। इस वार्षिक संबोधन में आम तौर पर राष्ट्रपति सरकरा की तरफ से अलग-अलग क्षेत्रों में हुए काम का ब्योरा साझा करते हैं।
पुतिन ने पिछले साल यूक्रेन जंग को 1 साल पूरा होने से 3 दिन पहले यह संबोधन दिया था। इसी स्पीच में पुतिन ने अमेरिका-रूस के बीच परमाणु हथियारों को लेकर की गई न्यू स्टार्ट ट्रीटी को रद्द कर दिया था।
संबोधन में रूसी राष्ट्रपति ने कहा था- पश्चिमी देश यूक्रेन के कंधों पर रखकर बंदूक चला रहे हैं, उन्हें मूर्ख बना रहे हैं। हम अपने वतन की हिफाजत करना बखूबी जानते हैं। हमें पश्चिमी देशों से भी बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके लिए मैंने खुद कई साल तक कोशिश की, लेकिन अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देश हल चाहते ही नहीं है। हमें हमेशा नजरअंदाज किया गया।
पिछले साल के भाषण में पुतिन ने कहा था- हमारी जंग यूक्रेन के लोगों से नहीं है, क्योंकि वो तो वहां की हुकूमत के बंधक हैं। दुनिया ये कान खोलकर सुन ले कि रूस को जंग के मैदान में हराना नामुमकिन है। दरअसल, वेस्टर्न पावर चाहते हैं कि यूरोप में वो पुलिस का रोल अदा करें। हम अपने बच्चों पर कोई खतरा नहीं आने देंगे।
G20 की वर्चुअल समिट के दौरान पुतिन ने लगभग दो साल से जारी रूस-यूक्रेन जंग खत्म किए जाने का जिक्र किया था। पुतिन ने कहा था- अब यूक्रेन के साथ जंग खत्म करने का समय आ गया है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हमने कभी भी शांति वार्ता के लिए मना नहीं किया। ये यूक्रेनी कानून के कारण रुकी है।
दरअसल, अक्टूबर 2022 में यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आधिकारिक तौर पर पुतिन के साथ किसी भी यूक्रेनी वार्ता की संभावना को असंभव घोषित करते हुए एक डिक्री (ऑफिशियल डिसीजन) पर साइन किए थे। हालांकि इसमें रूसी सरकार के साथ बातचीत के लिए दरवाजा खुला होने की बात थी।