पश्चिम बंगाल: पांचवें चरण की वोटिंग के लिए 45 सीटों का क्या कहता है चुनावी इतिहास

पश्चिम बंगाल चुनाव में चार चरणों के मतदान हो चुके हैं और अब चार चरणों के चुनाव और बाकी हैं। ऐसे में ममता बनर्जी ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपनी कमर कस ली है और चुनाव आयोग की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बाद वह पीएम मोदी पर हमलावर होती दिखीं। 

शनिवार को राज्य में पांचवें चरण का चुनाव है और यह चरण ममता बनर्जी के लिए बहुत अहम माना जा रहा है। शनिवार को पांचवें चरण के लिए बंगाल की 45 सीटों पर चुनाव होना है। बता दें कि इस चरण में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव हो रहा है। दूसरा बड़ा कारण यह है कि जिन 45 सीटों पर पांचवें चरण में मतदान होना वहां 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को टीएमसी की तुलना में ज्यादा वोट मिले थे। 

इन सीटों के वोट मिला दिए जाएं तो भाजपा ने यहां 45 फीसदी मतदान हासिल किया था तो वहीं टीएमसी को 41.5 फीसदी वोट मिला था। हालांकि टीएमसी को यहां 23 सीटों पर जीत मिली थी और भाजपा को 22 सीटें मिली थीं। साल 2016 में भी टीएमसी ने इनमें से 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि साल 2011 में पार्टी इससे पांच सीटें कम मिली थी। 

ऐसे में अगर टीएमसी को 45 सीटों पर सफलता नहीं मिलती है तो यह उसकी प्रतिष्ठा पर सवाल उठने जैसा हो सकता है। बंगाल में 27 मार्च से चुनाव शुरू हुए थे और अब 17 अप्रैल को पांचवें चरण का चुनाव होना है। वहीं छठें चरण का चुनाव 22 अप्रैल और सातवें चरण का चुनाव 26 अप्रैल को होना है। यही नहीं 29 अप्रैल को आखिरी चरण का मतदान किया जाएगा।