पश्चिम बंगाल की भाटपाड़ा नगर पालिका में 12 पार्षद भाजपा का साथ छोड़कर दोबारा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
इसी के साथ यहां फिर तृणमूल कांग्रेस बहुमत में आ गई है। लोकमत न्यूज़ डॉट इन पर छपी खबर के अनुसार, तृणमूल के भाटपाड़ा नगरपालिका में बहुमत हासिल करने के साथ ही भाजपा के हाथ से वे सभी सात नगरपालिकाएं निकल गई हैं, जिन पर उसने 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ कब्जा किया था।
लोकसभा चुनाव के बाद वे भाजपा में शामिल हुए थे.
भाटपाड़ा पहली नगरपालिका थी जिस पर स्वतंत्रता के बाद भाजपा ने कब्जा किया था। 34 सदस्यों वाली नगरपालिका में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के 19 पार्षदों ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद उसका दामन थाम लिया था। बाद में कुछ और तृणमूल पार्षद भाजपा में शामिल हुए थे।
तृणमूल से भाजपा में आए कुल 26 पार्षदों में से 12 ने तृणमूल भवन में वरिष्ठ नेताओं फिरहाद हाकिम और ज्योतिप्रियो मलिक की उपस्थिति में दोबारा तृणमूल की सदस्यता ग्रहण कर ली।
मलिक ने कहा, ’12 पार्षदों के वापस पार्टी में आने के बाद 34 सदस्यीय भाटपाड़ा नगरपालिका में हमारी संख्या 21 हो गई है। हम जल्दी ही अविश्वास प्रस्ताव लाकर नगरपालिका का नियंत्रण अपने हाथों में ले लेंगे।
वरिष्ठ भाजपा नेता मुकुल रॉय ने तृणमूल पर राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव डालकर पार्षदों को दोबारा पार्टी में शामिल करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही उन्हें पुलिस और गुंडों द्वारा धमकाया जा रहा था।