बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘अगर कश्मीरियों को ज्यादा देना पड़े तो देंगे, क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ सहा है.”
नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन के लिए विधयेक पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पार्टी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर जम कर हमला बोला. उनके जवाब के बाद लोकसभा में ये बिल पास हो गया. बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई.
जम्मू कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा भारत के पास न होने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘फिर युद्धविराम का आह्वान किसने किया? जवाहरलाल नेहरू ने किया और उस हिस्से (पीओके) को पाकिस्तान को दे दिया. आप कहते हैं कि हम लोगों को विश्वास में नहीं लेते हैं, लेकिन नेहरू जी ने तत्कालीन गृह मंत्री को विश्वास में लिए बिना ऐसा किया. इसलिए मनीष (तिवारी) जी हमें इतिहास नहीं सिखाते.’
उन्होंने कहा कि बीजेपी के शासन के दौरान कश्मीर में 40,000 पंच और सरपंचों के चुनाव कराए गए. इस दौरान हिंसा की कोई घटना नहीं घटी. उन्होंने इस साल के अंत तक राज्यपाल शासन लगे रहने और साल के अंत में ही राज्य में चुनाव कराने की भी बात कही. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान 132 बार राज्यपाल शासन लग चुका है
अमित शाह ने संसद में जब पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम लिया तो विपक्ष की तरफ से कड़ा विरोध किया गया. जिसके बाद अमित शाह ने नेहरू और कांग्रेस का नाम न लेने की बात कही. हालांकि कांग्रेस पर हमला जारी करते हुए कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान जम्मू कश्मीर में फर्जी चुनाव कराये गए थे.
लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि एक समय था जब कश्मीर में भारत का कोई चिन्ह नहीं था. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साइनबोर्ड में से ‘इंडिया’ शब्द को कवर कर दिया जाता था. तब मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ने अपनी जान जोखिम में डालकर लाल चौक पर तिरंगा फहराया. हम तब सत्ता में नहीं थे.
जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की हत्या की गयी. हमारे समय में चुनाव आयोग के फैसले आयोग ही करता है. कांग्रेस के समय में कांग्रेस करती थी. चुनाव में केंद्र का कोई दखल नहीं है. एनडीए सरकार का चुनाव आयोग में कोई दखल नहीं है. इस दौरान शाह ने कहा कि अगर देशद्रोहियों के अंदर डर होना चाहिए. हम टुकड़े-टुकड़े गैंग के मेंबर नहीं हैं. गृह मंत्री शाह ने कहा कि हम कश्मीरियों में डर पैदा करना नहीं चाहते.
उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में निष्पक्ष चुनाव कराएंगे. जो देश को तोड़ना चाहते हैं डर होना चाहिए. हम टुकड़े टुकड़े गैंग के सदस्य नहीं है. जो हो वो डरे. देशद्रोहियों के अंदर डर होना चाहिए.
बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘अगर कश्मीरियों को ज्यादा देना पड़े तो देंगे, क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ सहा है.” शाह ने कहा कि अब तक कश्मीर पर सिर्फ तीन परिवार ही शासन करते थे. कश्मीरियों को हम गले लगाना चाहते हैं.
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