हॉकी इंडिया ने रविवार को यहां पेरिस ओलंपिक खेल 2024 की हॉकी स्पर्धा में आधिकारिक तौर पर अंपायरिंग की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की. यह शिकायत भारत और ब्रिटेन के बीच क्वार्टरफाइनल मैच से संबंधित थी जिसमें अंपायरिंग के कई फैसलों ने मैच के परिणाम को प्रभावित किया.
इस मैच में अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास को 18वें मिनट में रेडकार्ड मिलने के बाद भारत को लगभग तीन क्वार्टर दस खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा. हॉकी इंडिया ने कई प्रमुख मुद्दों को शामिल किया.
इस शिकायत में हॉकी इंडिया ने तीन अहम बिंदुओं में रोहिदास को रेड कार्ड दिखाये जाने के संबंध में असंगत वीडियो अंपायर समीक्षा प्रणाली का जिक्र किया, साथ ही शूटआउट के दौरान गोलकीपर को कोचिंग और गोलकीपर द्वारा वीडियो टेबलेट के इस्तेमाल पर भी सवाल उठाये.
हॉकी इंडिया ने इसमें कहा, “इस फैसले ने वीडियो समीक्षा प्रणाली पर भरोसा खत्म कर दिया.” इसमें कहा गया, “शूट आउट के दौरान गोलपोस्ट के पीछे से गोलकीपर को कोचिंग देना और शूट आउट के दौरान गोलकीपर द्वारा वीडियो टैबलेट का उपयोग करना.” उसने कहा, “इन घटनाओं ने खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों के बीच अंपायरिंग प्रक्रिया में विश्वास को कम कर दिया है. हॉकी इंडिया खेल की अखंडता को बनाए रखने और भविष्य के मैचों में निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने के लिए इन मामलों की गहन समीक्षा का आह्वान करता है.”
गौरतलब है कि भारतीय हॉकी टीम ने रविवार को पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. तारीफ करनी होगी भारतीय डिफेंस की जिसने 36 वर्ष के पी. आर. श्रीजेश की अगुवाई में ब्रिटेन के हर हमले का बचाव करते हुए उसे बढत नहीं बनाने दी. ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और महज एक कामयाबी मिली. निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने पर मुकाबला शूटआउट में गया.
शूटआउट में भारत के लिये कप्तान हरमनप्रीत सिंह , सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल दागे, जबकि इंग्लैंड के जेम्स अलबेरी और जाक वालांस ही गोल कर सके. कोनोर विलियमसन का निशाना चूका और फिलिप रोपर का शॉट श्रीजेश ने बचाया.