राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का भारतीय मूल के लोगों ने जमैका में गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति कोविंद 15 से लेकर 21 मई तक जमैका और सेंट विंसेंट एंड ग्रेनाडाइन्स (एसवीजी) की राजकीय यात्रा पर हैं। बता दें कि यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन देशों की पहली यात्रा होगी।
राष्ट्रपति कोविंद के साथ उनकी पत्नी प्रथम महिला सविता कोविंद, बेटी स्वाति कोविंद, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी, लोकसभा सांसद रमा देवी, सतीश कुमार गौतम और सचिव स्तर के अधिकारी भी हैं। बता दें कि राष्ट्रपति कोविंद का औपचारिक स्वागत, गार्ड ऑफ ऑनर देकर और 21 तोपों की सलामी देकर हुई। भारत के राष्ट्रपति को जमैका के मुख्य रक्षा स्टाफ द्वारा अनुरक्षित किया गया था
राष्ट्रपति कोविंद का स्वागत करने के लिए जमैका के गवर्नर-जनरल, जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस, कैबिनेट के सदस्य, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और पुलिस आयुक्त उपस्थित थे। इस बीच, भारत की ओर से जमैका में भारत के उच्चायुक्त मसाकुई रूंगसुंग और उनकी पत्नी जिंगचारवोन रूंगसुंग मौजूद थे।
न्यू किंग्स्टन में पेगासस होटल में उनके आगमन पर, जमैका और भारतीय प्रवासियों ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति की जमैका यात्रा के दौरान, कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम निर्धारित हैं। अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे
राष्ट्रपति कोविंद कल भीमराव रामजी अंबेडकर के नाम पर एक सड़क ‘अंबेडकर एवेन्यू’ का भी उद्घाटन करेंगे। वह जमैका-भारत मैत्री उद्यान का भी उद्घाटन करेंगे। शाम को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जमैका में महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों को क्रिकेट किट उपहार में देंगे। जमैका क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बिली हेवेन को एक क्रिकेट किट सौंपी जाएगी।
विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति कोविंद की यह राजकीय यात्रा 15 से लेकर 21 मई तक आयोजित की गई है। आकाशवाणी समाचार के अनुसार राष्ट्रपति कोविंद 15 से 18 तारीख तक जमैका में रहेंगे जहां वह अपने समकक्ष, जमैका के गवर्नर जनरल सर पैट्रिक एलन के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। वह प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी मुलाकात करेंगे।
यात्रा के दौरान राष्ट्रपति कोविंद जमैका की संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे।बता दें कि जमैका और एसवीजी कैरेबियन समुदाय के सक्रिय सदस्य हैं। इन देशों की पहली राष्ट्राध्यक्ष यात्रा कैरेबियन क्षेत्र के देशों के साथ भारत के उच्च-स्तरीय जुड़ाव की निरंतरता है और छोटे द्वीप विकासशील देशों के साथ काम करने प्रतिबद्धता को दर्शाती है।