गंगा विलास क्रूज पर सियासत शुरू हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश ने इसे उद्योगपतियों का क्रूज बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल बनाकर पैसे कमाने की नीति निंदनीय है। पूरी दुनिया से लोग काशी के आध्यात्मिक वैभव की अनुभूति करने के लिए आते हैं। विलास-विहार के लिए नहीं। भाजपा बाहरी चकाचौंध से असल मुद्दों के अंधेरों को अब और नहीं ढक पाएगी। सरकार यह बताए कि वाराणसी के नाविकों के लिए क्या किया? उन्होंने कुछ भी नहीं किया। अब क्या भाजपा नाविकों का रोजगार भी छीनेगी? साथ ही अखिलेश यादव ने नए साल पर समाजवादी कैलेंडर जारी किया।
गोमती रिवर फ्रंट योजना को लेकर इशारों में अखिलेश ने कहा- शहर में नदियां साफ करने का काम सपा सरकार ने किया था। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नावें भी खरीदी थी। मगर लगता है कि सरकार ने उन नावों को डस्टबीन में डाल दिया।
अखिलेश ने कहा, “जब मैं संगम गया और नाव पर बैठा तो मैंने कहा सरकार ने नाव तो बहुत अच्छी खरीदी है। लेकिन नाव पर मौजूद कर्मचारी ने कहा यह तो वही नाव है, जो आप ने खरीदी थी। लोग हकीकत कह रहे हैं। सपा कुछ नहीं कह रही। हजारों करोड़ रुपए खत्म हो गए, लेकिन गंगा साफ नहीं हुई।
भाजपा बड़े-बड़े लोगों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर अखिलेश यादव ने कहा कि पहले जो इन्वेस्टर समिट हुए। उसमें कितना पैसा धरातल पर आया। पुराने MoU जमीन पर उतरे नहीं और नए एमओयू साइन कर रहे हैं। चुनाव के चक्कर में आम जनता को धोखा दिया जा रहा है
उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के जरिए लाखों-करोड़ों का इन्वेस्टमेंट बता रहे हैं, तो ये बताएं कि जॉब्स कितनी मिली। पहले के MoU को कितना धरातल पर उतारा गया। सरकार इसका भी तो जवाब दे।
अखिलेश ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के जरिए लाखों-करोड़ों का इन्वेस्टमेंट बता रहे हैं, तो ये बताएं कि जॉब्स कितनी मिली। पहले के MoU को कितना धरातल पर उतारा गया। सरकार इसका भी तो जवाब दे। साथ ही उन्होंने कहा कि आपको गोरखपुर जाना चाहिए। देखिए, वहां सरकारी पैसा कैसे पानी की तरह बहाया जा रहा है।
राष्ट्रीय युवा दिवस पर मुलायम सिंह यादव के जीवन पर कैलेंडर तैयार किया गया है। दीपक कबीर ने ये कैलेंडर तैयार किया है। इसको बुधवार को सपा कार्यालय में अखिलेश यादव ने लॉन्च किया है। विवेकानंद परिनिर्वाण दिवस पर दिवंगत मुलायम सिंह यादव के जीवन और संघर्ष पर बने कैलेंडर का विमोचन किया गया। ये कैलेंडर 12 पेज का है। अखिलेश यादव अपने पिता के बारे में जो सोचते हैं, वह भी उन्होंने अपने कलम से इस कैलेंडर के पन्ने पर उतारा है।