चीन में एक महीने से लापता विदेश मंत्री क्विन गेंग को मंगलवार को उनके पद से हटा दिया गया। उनकी जगह वांग यी को नियुक्त किया गया है। वांग यी पहले भी 10 साल तक विदेश मंत्री रह चुके हैं। न्यूज एजेंसी एपी ने राज्य मीडिया के हवाले से जानकारी दी है।
क्विन गेंग दिसंबर 2022 में चीन के विदेश मंत्री बने थे। गेंग ने 10 साल तक विदेश मंत्री रहे वांग यी का स्थान लिया था। गेंग को 25 जून से सार्वजनिक स्थानों पर नहीं देखा गया है।इसके अलावा सरकार ने सेंट्रल बैंक के गवर्नर यी गैंग को भी हटा दिया है। अब उनकी जगह पैन गोंगशेंग लेंगे।
चीन के विदेश मंत्री क्विन गेंग को 4 जुलाई को यूरोपीय यूनियन के फॉरेन पॉलिसी चीफ जोसेफ बोरेल से मिलना था, लेकिन ये मीटिंग अचानक आगे खिसका दी गई। बोरेल को दो दिन पहले इसकी जानकारी दी गई। इसमें मीटिंग आगे बढ़ाने का कोई कारण नहीं बताया गया।7 जुलाई को पहली बार पत्रकारों ने चीनी विदेश मंत्री गेंग के बारे में पूछा। चीनी विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया- हमें कोई जानकारी नहीं है। 10 और 11 जुलाई को गेंग को इंडोनेशिया में एक समिट में हिस्सा लेना था।
तब कहा गया- तबीयत खराब होने की वजह से गेंग नहीं जा पाएंगे। इसकी ट्रांसस्क्रिप्ट चीनी विदेश मंत्रालय के ऑफिशियल वेबसाइट पर छपी। इसमें तबीयत वाला हिस्सा गायब था।
इसके साथ ही गेंग फिलीपींस के राष्ट्रपति के साथ होने वाली मीटिंग में भी नजर नहीं आए। इसी के बाद गेंग के गायब होने की चर्चा शुरू हो गई। अब जिन जगहों पर गेंग को होना चाहिए था, वहां पर वांग यी जा रहे हैं। दरअसल, गेंग से पहले वांग यी 10 साल तक चीन के विदेश मंत्री रहे हैं।चीन के विदेश मंत्री गेंग अंतिम बार 25 जून को रूसी, श्रीलंका और वियतनामी अधिकारियों के साथ एक बैठक में देखे गए थे। इसके बाद से सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं दिखे हैं।
एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में पूर्व सीनियर अमेरिकी डिप्लोमैट डैनियल आर रसेल कहते हैं कि यह प्रकरण चीनी राजनयिकों के लिए शर्मनाक और परेशान करने वाला है, क्योंकि यह एक ऐसे सिस्टम में अनिश्चितता पैदा करता है, जिसे नियंत्रित किया जाता है। विदेशी राजनयिकों के लिए यह चीन के विदेश मंत्रालय के रसूख के बारे में और भी अधिक सवाल उठाता है।
अमेरिकी नागरिक और कैंब्रिज से पढ़ी रिपोर्टर और टीवी एंकर फू जियोतियान के साथ अफेयर की अफवाहों के बीच गेंग के लापता होने की खबरें सामने आई हैं। क्विन गेंग की गैरमौजूदगी की चर्चा चीन के सोशल मीडिया वीबो के साथ चीन के सबसे बड़े सर्च इंजन बाइडू पर भी हो रही है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक और थ्योरी चल रही है कि गेंग पर एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर के आरोपों की जांच चल रही है। द वीक के मुताबिक, यह भी अफवाह है कि गेंग और फू जियोतियान के बिना शादी के एक बच्चा भी है। जबकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में ऐसे अफेयर की सख्त मनाही है।
जियोतियान ने पिछले साल एक बच्चे को भी जन्म दिया है। जियोतियान का एक ट्वीट काफी वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका एक बेटा है। हालांकि, उन्होंने बच्चे के पिता के बारे में कोई खुलासा नहीं किया था, लेकिन सिर्फ इतना कहा था कि बच्चे के पिता चीनी मूल के हैं।
चीन में भ्रष्टाचार के आरोप वाले सीनियर अधिकारियों को अक्सर अफेयर्स के मामलों में भी लिप्त पाया जाता रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद गेंग की प्रोफाइल कहती है कि वह शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा है।
सरकारी स्वामित्व वाली और हॉन्गकॉन्ग स्थित फीनिक्स टेलीविजन के लिए काम करने वाले फू जियोतियान ने मार्च 2022 में एक टीवी शो में क्विन गेंगका इंटरव्यू लिया था। फू जियोतियान ‘टॉक विद वर्ल्ड लीडर्स’ प्रोग्राम की होस्ट हैं।
वह अब तक 50 देशों के राजदूतों समेत 300 से अधिक राजनेताओं का इंटरव्यू ले चुकी हैं। इनमें पूर्व अमेरिकी विदेश सचिव हेनरी किसिंजर और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून भी शामिल हैं।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी आधिकारिक तौर पर नेताओं को ऐसे संबंध बनाने से रोकती है। एक रिपोर्टर ने जब पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्रालय से गेंग की अफेयर की खबरों के बारे में पूछा तो मंत्रालय ने कहा कि मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।
चीनी विदेश मंत्री के साथ उनकी कथित प्रेमिका भी गायब बताई जा रही है। कहा यह भी जा रहा है कि इस अफेयर की वजह से चीन के विदेश मंत्री को शी जिनपिंग ने उनके पद से हटा दिया है। कुछ लोग फू जियोतियान को डबल एजेंट भी बता रहे हैं। हालांकि, चीन ने अभी तक इन अफवाहों की पुष्टि या खंडन नहीं किया है।
जानकार कहते हैं कि सॉफ्ट डिप्लोमेसी को दरकिनार कर 2022 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी काे तवज्जो दी और क्विन गेंग को नया विदेश मंत्री बनाया था। विदेश मंत्री बनने से पहले और बाद में गेंग के दो लेख खूब चर्चा में रहे।
पहला दिसंबर 2022 में अमेरिकी मैगजीन नेशनल इंटरेस्ट में क्विन गेंग ने एक लेख लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि चीन और अमेरिका कोई जीरो सम गेम नहीं हैं। यानी कोई भी पक्ष दूसरे को नीचा दिखाकर या कमतर साबित कर आगे नहीं बढ़ सकता। इसके बाद वह चीन के विदेश मंत्री बन गए।
दूसरा चीन का विदेश मंत्री बनने के बाद गेंग ने जनवरी 2023 में वॉशिंगटन पोस्ट में लेख लिखा। उसमें कहा- इस समय अमेरिका-चीन संबंधों के दरवाजे खुले हैं। मुझे भरोसा है कि चीनी लोगों की तरह ही अमेरिका की जनता भी खुले विचारों वाली दोस्ताना और मेहनती है। ठीक-ठीक कहा जाए तो पूरी धरती का भविष्य चीन-अमेरिकी संबंधों की अच्छी सेहत और स्थिरता पर निर्भर है।
इससे साफ था कि चीन अमेरिका के साथ बातचीत का दरवाजा खुला रखेगा, लेकिन बिना किसी दबाव के। अपने कार्यकाल में क्विन गेंग ने यह साबित भी किया। चीन में गेंग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही थी। उनकी तुला राष्ट्रपति शी जिनपिंग से की जाने लगी थी।
जासूसी गुब्बारे पर चीन अमेरिका में तनातनी बढ़ी। अमेरिका ने आरोप लगाया कि चीन ने जासूसी के लिए उसकी सीमा में यह गुब्बारा भेजा। चीन ने इसे मौसम की टोह लेने वाला गुब्बारा बताया। कहा- इसका जासूसी से कोई लेना देना नहीं है।
इसके बाद अमेरिका ने लड़ाकू विमान से गुब्बारे को मार गिराया। इसी वजह से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उस वक्त अपना चीन दौरा रद्द कर दिया था। इसके बावजूद चीन ने झुकने से इनकार कर दिया था। इसे भी गेंग की डिप्लोमेसी का तरीका बताया गया।
सऊदी अरब और ईरान के बीच शांति समझौता होता है। इसका श्रेय चीन के विदेश मंत्री क्विन गेंग को दिया गया। यानी उनकी मध्यस्थता में दो दुश्मन देश साथ आ गए। अमेरिका के लिए यह एक झटके की तरह था।
इसकी वजह ये है कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान और अमेरिका में दोस्ती नहीं हुई। वहीं दूसरी तरफ सऊदी अरब मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे अहम सहयोगी रहा। अमेरिका, ईरान को काउंटर करने में सऊदी का इस्तेमाल करता रहा है
लेकिन चीन ने इस इक्वेशन को पलट दिया। इसके बाद चीन ने इजराइल और फिलिस्तीन विवाद में मध्यस्थता की पहल की। हालांकि, इस बार कामयाबी नहीं मिली। वहीं मार्च 2023 में चीन के दबाव में होंडुरास ने ताइवान की मान्यता छीन ली। इसे भी गेंग की विदेश नीति से जोड़कर देखा गया।जून में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन का दौर किया था। इस दौरान चीनी विदेश मंत्री क्विन गेंग भी ब्लिंकन के साथ कई बैठकों में भाग लिया था।
आखिरकार अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन चीन के दौरे पर पहुंचे। उनकी मुलाकात चीन के विदेश मंत्री क्विन गेंग से हुई। इसके बाद ब्लिंकन का एक बयान खूब चर्चा में रहा। इसमें ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका, ताइवान की आजादी का समर्थन नहीं करता।यूं तो अमेरिका चीन की वन चाइना पॉलिसी का समर्थक रहा है, लेकिन इसके बाद वह ताइवान को सुरक्षा मदद भी मुहैया कराता है। साथ ही अमेरिका यह भी कहता है कि यदि चीन ने ताइवान पर हमला किया तो उसे हमसे लड़ना होगा। ऐसे में चीन में ब्लिंकन का इस तरह का बयान देना यानी चीन को बढ़त मिलना। चीन को बढ़ता मिलना यानी विदेश मंत्री गेंग की लोकप्रियता बढ़ना।यानी हर तरह से चीन में विदेश मंत्री क्विन गेंग की लोकप्रियता बढ़ रही थी। हालांकि, इसके बाद 25 जून को गेंग अचानक गायब हो गए।
चीन में ताकतवर लोगों का गायब होना कोई नई बात नहीं है। यह मॉडर्न चीन के संस्थापक माओ के समय से चला आ रहा है। माओ के वक्त में हंड्रेड फ्लावर्स कैंपेन चलाया गया था। इसके तहत लोगों को आलोचना करने की छूट दी गई।साथ ही सिस्टम की खामियों को बताने के लिए कहा गया। इसके बाद कई लोगों ने ऐसा किया, लेकिन जिसने भी यह किया, उसका फिर पता नहीं चला। यानी उन लोगों को ठिकाने लगा दिया गया
ये माओ की चाल थी। दरअसल, वो अंदरखाने मौजूद अपने विरोधियों की पहचान करना चाहते थे। कहा जा रहा है कि यही चाल शी जिनपिंग भी अपना रहे हैं।चीन में गायब होने वाले लोगों की लिस्ट में एक्टर, एक्टिविस्ट से लेकर स्पोर्ट्सपर्सन तक के नाम शामिल हैं।