पांच राज्यों में 10 फरवरी से शुरू होगी वोटिंग, चुनाव पर्यवेक्षकों के साथ EC की बैठक आज

पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैनात किए गए पर्यवेक्षकों (Poll Observers) के साथ शुक्रवार को चुनाव आयोग (Election Commission) की वर्चुअल बैठक होगी। आयोग के शीर्ष अधिकारी विभिन्न सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों को चुनाव ड्यूटी के दौरान उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी देंगे। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद आयोग आमतौर पर पर्यवेक्षकों को उन्हें सौंपी गई भूमिकाओं के बारे में जानकारी देता है। साथ ही निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में व्यापक जानकारी दी जाती है। बता दें कि बिहार के 25 आइएएस अधिकारियों को उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आब्जर्वर बनाया गया है।
चुनाव आयोग ने जिन 25 आइएएस अधिकारियों को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया है उनमें वर्ष 2007 बैच के जय सिंह, मनोज कुमार, विनोद सिंह गुंजियाल, दिनेश कुमार, प्रभाकर, वैद्यनाथ यादव, वर्ष 2008 बैच के बी कार्तिकेय धनजी, गिरिवर दयाल सिंह, चंद्रशेखर, डॉ रणजीत कुमार सिंह, केशवेंद्र कुमार, नीलम चौधरी, संजय कुमार उपाध्याय, सुरेश चौधरी और संजय दुबे के नाम हैं। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इन अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

इनके अलावा वर्ष 2009 बैच के अधिकारी एम रामचंद्रुडु, सीमा त्रिपाठी, वर्ष 2010 बैच के राज कुमार, डा. करुणा कुमारी, वर्ष 2011 बैच के मिथिलेश मिश्र, संजय कुमार पंसारी, वर्ष 2012 बैच के संजीव कुमार, श्रीकांत शास्त्री, वर्ष 2013 बैच की शैलजा शर्मा और रंजिता को भी विधान सभा चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत कुल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। निर्वाचन आयोग इसके लिए मतदान की तारीखों का एलान कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे। वहीं मणिपुर में दो चरणों में चुनाव आयोजित कराया जाएगा। जबकि पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक -एक चरण में चुनाव कराये जा रहे हैं। 10 फरवरी से मतदान की शुरुआत होगी। चुनाव की तारीखों के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोविड प्रोटोकाल के तहत ही चुनाव कराए जाएंगे।