धर्म गुरुओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं की अपील नहीं आई काम, लखनऊ में पिछले चुनाव से कम हुई वोटिंग

जागरूकता रैली, धर्म गुरुओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं की अपील के बाद भी निकाय चुनाव में वोटर नहीं निकला। नगर निगम के अलावा नगर पंचायत में भी साल 2017 की तुलना में कम वोट पड़े। लखनऊ नगर निगम के चुनाव में मेयर के लिए जहां पूरे दिन महज 36.36 प्रतिशत वोट पड़े जबकि गांव में 64 फीसदी लोगों ने वोट किया। शहर की तुलना में आउटर इलाके में ज्यादा वोटर निकले हालांकि अगर हम इसको साल 2017 के चुनाव से तुलना करे तो वहां करीब 10 फीसदी वोटिंग कम हुई है।

बताया जा रहा है कि इसके पीछे की एक बड़ी वजह चुनाव को लेकर जनता और खुद राजनीतिक दलों में उदासीनता थी। बीजेपी को छोड़ दिया जाए तो सपा, बसपा, कांग्रेस और आप के बड़े नेता चुनाव प्रचार में नहीं निकले। बीजेपी की तरफ से भी लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने इस चुनाव में वैसी सक्रियता नहीं निभाई थी जिसके लिए वह शहर में पहचाने जाते हैं। यहां तक की इस बार पार्षद के टिकट वितरण में भी उनकी भूमिका कम रही। बताया जा रहा है कि उनकी जगह उनके छोटे बेटे नीरज सिंह चुनाव में ज्यादा सक्रिय नजर आए। लेकिन उनका अभी वह कद नहीं था कि आम आदमी खुद को इस चुनाव और नेता दोनों से जुड़ा महसूस करे।
माना जा रहा था मई में चुनाव कराने से लोगों को परेशानी होगी लेकिन मौसम मतदान वाले दिन काफी अच्छा था। गर्मी महसूस नहीं हुई लेकिन उसके बाद भी लोग वोट के लिए नहीं निकले। शहर के पुराने लखनऊ में वोटर नए इलाके की तुलना में ज्यादा निकले। स्थिति यह थी कि शाम 6 बजे तक मतदान का आंकड़ा 36.97% रहा। जबकि 10 नगर पंचायत क्षेत्र में 64% वोट पड़े।
शहर के सबसे वीआईपी समझे जाने वाले इलाके जोन के अन्तर्गत आते हैं। यहां सबसे कम वोटिंग हो हुई। जोन एक में महज 33.18 फीसदी वोटिंग हुई। जबकि पुराने लखनऊ के जोन 6 में सबसे ज्यादा 40.38 फीसदी वोटिंग हुई। जबकि जोन 2 में 37.96, जोन 3 में 34.70, जोन 4 में 36.59, जोन 5 में 34.58, जोन 7 में 35.74 और जोन 8 में 40.29 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई।
वोटर लिस्ट में नाम बढ़वाने के लिए काफी लोग सक्रिय दिखे। यही वजह थी कि शहर में पांच लाख वोटर बढ़ गए थे। लेकिन जब वोट डालने का समय आया तो यही वोटर अपने घर से नहीं निकला। साल 2017 चुनाव की तुलना में वोटिंग प्रतिशत 1.63 कम रहा है। जबकि नगर निगम चुनाव के लिए इस बार दो बार मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का मौका मिला
नगर पंचायत में भी गोसाईगंज को छोड़ दिया जाए बाकी जगह वोट प्रतिशत गिरा है। हालांकि पिछली बार आठ नगर पंचायतें थी। इस बार 10 नगर पंचातय है, ऐसे में उस हिसाब से देखा जाए तो बहुत ज्यादा गिरावट नहीं हैञ इस बार दो नए नगर पंचायत बंथरा और मोहनलालगंज में पहली बार वोटिंग हुई। इसमें बंथरा में 64 और मोहनलालगंज नगर पंचायत में 65.60 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई है।