रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इंडोनेशिया में होने वाली जी20 नेताओं के सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। जकार्ता में रूस के दूतावास ने इसकी पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को एक ही मंच पर आने वाले थे। यूक्रेन के साथ युद्ध छिड़ने के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा था। हालांकि जो बाइडेन ने पुतिन से मिलने से पहले ही इनकार कर दिया था।
बाइडन ने पुतिन को एक युद्ध अपराधी बताया था और कहा था कि वह उनके साथ मुलाकात नहीं कर सकते। जकार्ता में रूसी राजदूत ने कहा, मैं यह स्पष्ट करती हूं कि रूस के विदेश मंत्री सरजेई रावरोव जी 20 में रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे। राष्ट्रपति पुतिन अभी व्यस्त हैं। वह वर्चुअली बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। नवंबर में 15 और 16 तारीख को होने वाली बैठक में पुतिन के हिस्सा लेने की संभावना जताई जा रही थी।
बाइडेन ने पश्चिमी देशों का आह्वान किया था कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ना केवल रूस का बहिष्कार करें बल्कि उसकी आलोचना भी करें। रूस को इस बात की उम्मीद थी कि जी20 सम्मेलन में भी उसकी निंदा हो सकती है। वहीं इन दिनों यूक्रेन में भी कई मोर्चों पर रूस को मुंहकी खानी पड़ी है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि निंदा से बचने के लिए भी व्लादिमीर पुतिन ने जी20 सम्मेलन से किनारा करने का ही रास्ता ठीक समझा।
एक जानकार का कहना है कि अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि व्लादिमीर पुतिन वर्चुअली भी मीटिंग में हिस्सा लेंगे या नहीं। बता दें कि बाली में हुई जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में जब रूस की निंदा की गई तो विदेश मंत्री लावरोव बाहर चले गए थे। हालांकि इंडोनेशिया ने रूस को लेकर न्यूट्रल रुख अपनाया है। पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद इस बैठक में रूस को आमंत्रित किया गया।