शूटआउट एट लोखंडवाला विवेक ओबेरॉय के करियर की एक अहम फ़िल्म है। इस फ़िल्म में उन्होंने माया डोलास नाम का नेगेटिव किरदार निभाया था, जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। इस फ़िल्म में विवेक ने पहली बार संजय दत्त के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था और यह उनके लिए बेहद ख़ास मौक़ा था। संजय दत्त की वजह से विवेक अपने स्कूल के दिनों में लड़कियों के सामने हीरो बन गये थे।
विवेक ने हाल ही में एक इंटरव्यू यह क़िस्सा बयां किया। एक्टर ने बताया कि वो अजमेर के मशहूर मेयो कॉलेज के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहे थे। एक बार की बात है विवेक के पिता सुरेश ओबेरॉय जयपुर में किसी फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे तो उन्होंने विवेक से मिलने का प्लान बनाया और उनके स्कूल पहुंच गये।
अपने पिता को अचानक सामने देख विवेक हैरान रह गये, मगर सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब लम्बे बालों वाले संजय दत्त कार से बाहर निकले। संजय भी सुरेश के साथ शूट कर रहे थे और विवेक से मिलने चले आये थे। विवेक ने बताया कि उन्होंने मौके पे चौका मारते हुए संजय से गुज़ारिश की, क्या वो सड़क के उस पार स्थित मेयो गर्ल्स कॉलेज देखने उनके साथ जाएंगे। जब संजय के साथ वो गर्ल्स कॉलेज पहुंचे तो वहां लड़कियां संजय को देख उत्साहित हो गयीं। इसके बाद विवेक कई दिन तक छाये रहे थे।
विवेक ने 2002 में राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म कम्पनी में एक गैंगस्टर के किरदार से डेब्यू किया था। पहली ही फ़िल्म में उनके एक्टिंग स्किल्स की ख़ूब तारीफ़ हुई थी। इसके बाद विवेक ने रोमांटिक, एक्शन, ड्रामा और कॉमेडी फ़िल्मों के ज़रिए अपनी एक्टिंग के विभिन्न आयाम दिखाये। साथिया, युवा, मस्ती, ओमकारा विवेक की यादगार फ़िल्में हैं। हालांकि, जिन फ़िल्मों में उन्होंने ग्रे रोल्स निभाये, उन्हें ख़ूब पसंद किया गया। संजय गुप्ता निर्देशित शूटआउट एट लोखंडवाला 25 मई 2007 को रिलीज़ हुई थी।