साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टीम इंडिया की टेस्ट टीम का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ रोहित शर्मा को नई जिम्मेदारी दे दी गई है। वो टी-20 इंटरनेशनल के बाद टीम इंडिया के नए वनडे कप्तान बनाए गए हैं। विराट कोहली से वनडे कप्तानी वापस ले ली गई है। ऑल इंडिया सिलेक्शन कमेटी ने बुधवार को ये फैसला लिया। रोहित शर्मा को टी-20 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया का नया टी-20 कप्तान बनाया गया था। रोहित को 2023 वनडे वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया है।
रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को हाल ही में तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 3-0 से मात दी थी। इससे पहले विराट कोहली की अगुवाई में टी-20 वर्ल्ड कप 2021 में भारत का प्रदर्शन बेद खराब रहा था। उसे लगातार दो मैचों में हार मिली थी और टीम सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई थी। हालांकि विराट ने टीम इंडिया की टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान पहले ही कर दिया था।
वहीं वनडे सीरीज का पहला वनडे 19 जनवरी को, दूसरा वनडे 21 जनवरी को और आखिरी वनडे 23 जनवरी को खेला जाना है। पहले दो वनडे मैच पार्ल के बोलैंड पार्क में खेले जाएंगे, जबकि आखिरी वनडे मैच केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर खेला जाना है।
वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ऐसा होना ही था और बुधवार को बीसीसीआई ने विराट कोहली को भारत की वनडे टीम के कप्तान पद से हटाकर बागडोर रोहित शर्मा को सौंप दी। कोहली पहले ही टी-20 कप्तानी छोड़ चुके थे। पता चला है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें स्वेच्छा से वनडे टीम की कप्तानी से हटने के लिए पिछले 48 घंटों का इंतजार किया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। लेकिन 49वें घंटे में रोहित शर्मा को यह पद गंवा बैठे जो होना ही था। शायद किसी को यह बताने के लिये उसका समय हो चुका है, कोहली की बर्खास्तगी के बारे में बीसीसीआई के बयान में जिक्र भी नहीं किया गया जिसमें सिर्फ कहा गया कि चयन समिति ने आगे बढ़ने के दौरान रोहित को वनडे और टी-20 इंटरनेशनल टीमों का कप्तान बनाने का फैसला किया है। कोहली ने बस यूं ही अपनी कप्तानी गंवा दी।
बीसीसीआई और राष्ट्रीय चयन समिति ने कोहली को कप्तानी से हटा दिया जिनकी महत्वाकांक्षा शायद 2023 वनडे वर्ल्ड कप में घरेलू सरजमीं पर भारतीय टीम की अगुआई करने की होगी। जिस क्षण भारत टी-20 वर्ल्ड कप के ग्रुप चरण से बाहर हुआ, कोहली को कप्तानी से हटाया जाना तय हो गया था लेकिन बीसीसीआई अधिकारी पिछले साढ़े चार वर्षों से टीम के कप्तान को सम्मानजनक रास्ता देना चाहते थे। अंत में ऐसा लगता है कि कोहली ने बीसीसीआई से कहा कि उन्हें बर्खास्त करके दिखाओ और खेल की शीर्ष संस्था ने आगे बढ़कर ऐसा ही किया और फिर उनके सामने इसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
कोहली की कप्तानी का दौर खुद में एक शानदार दास्तां रहा है। ‘कूल’ महेंद्र सिंह धोनी ने अपने नेतृत्व में कोहली को तैयार किया और फिर जब उन्हें लगा कि समय आ गया तो उन्होंने सफेद गेंद की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी।व अगले दो वर्षों में कोहली टीम के ताकतवर कप्तान बन गए जो अपने हिसाब से चीजें करता। फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गयी प्रशासकों की समिति थी जिन्होंने उनकी हर मांग (कुछ सही और कुछ गलत) को पूरा किया। फिर पारंपरिक प्रशासकों की वापसी हुई जिसमें बहुत ताकतवर सचिव और अध्यक्ष थे जो खुद ही सफल कप्तानी के बारे में जानकारी रखते थे। अंत में सफेद गेंद के दोनों प्रारूपों के लिये दो अलग अलग कप्तानों की कोई जगह नहीं रही।