विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम अगले 4 महीने इंग्लैंड में रहेगी, जहां 18 जून से न्यूजीलैंड के विरुद्ध वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाएगा और इसके बाद भारत बनाम इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और इंग्लैंड के विरुद्ध पहले टेस्ट मैच के बीच 1 महीने का अंतर होगा. करीब 4 महीने के लंबे दौरे पर भारतीय प्लेयर्स अपनी फॅमिली के साथ सफर कर सकेंगे, क्योंकि टीम मेंबर्स और स्टाफ इस दौरान सख्त बायो बबल में रहेंगे. इंग्लैंड दौरे में शामिल भारतीय प्लेयर्स अपनी फॅमिली समेत और स्टाफ के लोग इंग्लैंड रवाना होने से पहले मुंबई में बीसीसीआई द्वारा तैयार किए गए बायो बबल में शिफ्ट करेंगे, जिस दौरान कई बार कोरोना टेस्ट किए जाएंगे. हालांकि अब बीसीसीआई ने इसमें थोड़ा बदलाव किया है, या यूं कहें कि कुछ कोरोना टेस्ट और जोड़ दिए हैं.
इंग्लैंड दौरे पर जाने वाले सभी प्लेयर्स/उनके परिवार जन और स्टाफ के लोगों के घर पर बीसीसीआई अपनी मेडिकल टीम भेजेगा, जहां उनकी कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जाएंगे और कोरोना रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा. बीसीसीआई कोरोना को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहता है, और इस कदम को उठाने का उद्देश्य मुंबई में तैयार बायो बबल को पूरी तरह से सुरक्षित रखना है. रिपोर्ट के अनुसार सभी प्लेयर्स/स्टाफ (चाहे वह भारत के किसी भी हिस्से में रह रहे हो) के घर बोर्ड द्वारा मेडिकल टीम भेजी जाएगी, और कोरोना के लिए RT-PCR जांच की जाएगी. ये टेस्ट कुछ दिनों में पूरे कर लिए जाएंगे, वहीं बीसीसीआई ने इसको लेकर तैयारी शुरू भी कर दी है और प्लेयर्स और स्टाफ से उनके वर्तमान पते के बारे में जानकारी लेना शुरू कर दिया है.
इंग्लैंड में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल, और इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज खेलने जा रही भारतीय टीम इंग्लैंड रवाना होने से पहले मुंबई में बायो बबल में शिफ्ट करेगी, इसके बाद इंग्लैंड में 10 दिनों का क्वारंटाइन होगा लेकिन इंग्लैंड में इस दौरान प्लेयर्स अभ्यास कर पाएंगे. ऐसा इसलिए हो सकेगा, क्योंकि प्लेयर इंग्लैंड जाने से पहले भारत में बायो बबल में रहेंगे और इसमें शिफ्ट करने से पहले और इस दौरान प्लेयर्स स्टाफ और परिवारजन की कई बार कोरोना जांचें की जाएगी. भारत बनाम इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी.