17 घंटे से जारी है इमरान समर्थकों का हिंसक प्रदर्शन, पत्थर-पेट्रोल बम फेंके

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने की कोशिश 17 घंटे से जारी है। पुलिस बुधवार को भी लाहौर के जमान पार्क में मौजूद है, यहां इमरान का घर है। तोशाखाना केस में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस मंगलवार शाम से यहां मौजूद है।
इमरान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ता हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस पर पत्थर और पेट्रोल बम भी फेंके। पुलिस ने आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। हालात को संभालने के लिए जमान पार्क में एडिशनल फोर्स बुलाई गई है। मदद के लिए हेलिकॉप्टर और ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।
इमरान ने बुधवार तड़के एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा- मेरी गिरफ्तारी लंदन प्लान का हिस्सा है। उनका मकसद मुझे जेल में डालना और PTI को गिराना है।
इमरान को सरकारी खजाने (तोशाखाना) के बेशकीमती गिफ्ट्स कौड़ियों के दाम खरीदकर उन्हें अरबों रुपए में बेचने का आरोप है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें 29 मार्च तक गिरफ्तार करने का ऑर्डर जारी किया था। इमरान के 18 मार्च तक प्रोटेक्टिव बेल ले रखी है, लेकिन पुलिस अभी ही उन्हें अरेस्ट करने की कोशिश कर रही है।
इमरान ने सुबह 4 बजे के करीब समर्थकों के नाम सोशल मीडिया पर अपील जारी की। उन्होंने कहा- मेरी गिरफ्तारी लंदन प्लान का हिस्सा है। उनका मकसद मुझे जेल में डालना और PTI को गिराना है। उन्हें नवाज शरीफ के सारे केस खत्म करने हैं। उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि उनके खिलाफ मामले खत्म किए जाएंगे। मुझे जेल में डालने का कानून से कोई ताल्लुक नहीं है। मैंने कोई जुर्म नहीं किया है। मैं सारी कौम को बता रहा हूं कि वे फिर से आएंगे और हमारे लोगों पर टियर गैस और वॉटर कैनन से हमला करेंगे।
उन्होंने कहा- इस्लामाबाद में मुझ पर 2 बार हमले हुए थे। कोर्ट को पता है कि मैं अपनी सेफ्टी के चलते पेश नहीं हो रहा हूं। आज मैंने एक अंडरटेकिंग दी है। DIG को श्योरिटी बॉन्ड भी देने की कोशिश की। कानून के मुताबिक अगर अरेस्टिंग ऑफिसर को श्योरिटी बॉन्ड दे दिया जाता है तो फिर गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। लेकिन वो मुझे किसी भी हाल में गिरफ्तार करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने बॉन्ड नहीं लिया। सोमवार को जब पुलिस खान को गिरफ्तार करने पहुंची तो PTI ने इलेक्शन कैम्पेन शुरू करने का ऐलान कर दिया। चंद मिनट बाद एक रैली भी प्लान कर ली गई। इमरान काले रंग की बुलेट प्रूफ गाड़ी में घर से निकले और इसी मैं बैठकर रैली को संबोधित किया। पुलिस और रेंजर्स कमांडो की एक टीम खान की हर हरकत पर नजर रख रही थी। ​​हालात बिगड़े तो पुलिस ने जमान पार्क के इलाके में इंटरनेट बंद करा दिया। दो हेलिकॉप्टर आसमान से निगरानी करते रहे।
एडिशनल फोर्स जमान पार्क में बुला ली गई है। हेलिकॉप्टर के साथ-साथ ड्रोन भी निगरानी कर रहे हैं।
खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत में 10 साल इमरान खान की पार्टी की सरकार रही है। अब यहां केयरटेकर सरकार है। इसके बावजूद इमरान की सुरक्षा में KP राज्य की पुलिस तैनात है। वो इस्लामाबाद पुलिस को रोक रही थी और इस वजह से गिरफ्तारी में देरी हुई। यानी पुलिस vs पुलिस का पेंच फंस गया है।शाहबाज शरीफ ने जियो न्यूज के प्रोग्राम कैपिटल टॉक को दिए इंटरव्यू में कहा- हमने खान पर कोई केस दर्ज नहीं किया। अब अगर अदालत के आदेश का पालन भी नहीं करेंगे तो क्या होगा। इमरान कहते हैं कि वो 72 साल के बुजुर्ग हैं तो शांति से गिरफ्तारी क्यों नहीं देते।
खान पर अब तक कुल 80 केस दर्ज हो चुके हैं। खान पर तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदने और ज्यादा दामों में बेचने का आरोप है। इसे लेकर पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने उन्हें 5 साल के लिए अयोग्‍य घोषित किया है। उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
इस फैसले के खिलाफ इमरान समर्थकों ने चुनाव आयोग (EC) के ऑफिस के बाहर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें कुछ लोग घायल भी हुए थे। इस घटना के बाद खान के खिलाफ एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत वारंट जारी हुआ था।
पिछले साल 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान इमरान ने महिला जज और पुलिस अधिकारियों को खुलेआम धमकी दी थी। इसी बीच इमरान की पार्टी PTI की लीगल टीम ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में खान की गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका दायर कर दी थी। ये सोमवार को खारिज हो गई।
पैर में प्लास्टर चढ़ा तो इमरान ने अदालतों को ढाल बनाया
इमरान पर कई महीने पहले कथित हमला हुआ था और तब से वो पैर में प्लास्टर लगाकर अदालतों से तरह-तरह की राहत हासिल कर रहे थे। एक गैरकानूनी पार्टी फंडिंग और दूसरा टेरेरिज्म से जुड़ा है। इनमें भी उनकी गिरफ्तारी होनी है। तोशाखाना केस में भी इमरान के वकील ने सुनवाई टालने की मांग की थी। इस पर जज ने कहा- अगर वो दूसरी अदालतों के सामने पेश हो सकते हैं, तो यहां आने में क्या दिक्कत है।
चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था, बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।

जिन तोहफों को इमरान ने बेचा था उनमें एक बेशकीमती घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स वॉच शामिल थीं। सरकार के मुताबिक, इमरान ने कुल 111 तोहफे 2.23 करोड़ रुपए (पाकिस्तानी करंसी) में खरीदे और इन्हें करीब 2.07 अरब रुपए में बेचा। इसके लिए जाली रसीदें बनवाईं गईं।
तस्वीर जनवरी 2019 की है। फोटो में गवर्नर तबुक प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने इमरान को ‘गोल्ड कलाश्निकोव’ का तोहफा और गोलियां गिफ्ट की थीं।
करीब ढाई साल पहले अबरार खालिद नाम के एक पाकिस्तानी शख्स ने इन्फॉर्मेशन कमीशन में एक अर्जी दायर की थी। कहा- इमरान को दूसरे देशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी दी जाए। जवाब मिला- गिफ्ट्स की जानकारी नहीं दी जा सकती। खालिद भी जिद्दी निकले। उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान से पूछा था- आप तोहफों की जानकारी क्यों नहीं देते? इस पर खान के वकील का जवाब था- इससे मुल्क की सलामती यानी सुरक्षा को खतरा है। दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अवाम को दूसरे देशों से मिले तोहफों की जानकारी नहीं दे सकते।
पाकिस्तानी पत्रकार आरिफ अजाकिया और इमदाद अली शूमरो के मुताबिक- इमरान को सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने गोल्ड से बनी और हीरों से जड़ी बेशकीमती रिस्ट वॉच गिफ्ट की थी। उन्होंने दो लिमिटेड एडिशन घड़ियां बनवाईं थीं। एक खुद के पास रखी थी। दूसरी इमरान को गिफ्ट की थी। इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए थी।

इमरान ने घर आकर यह रिस्ट वॉच पिंकी पीरनी (तीसरी पत्नी बुशरा बीबी) को रखने के लिए दे दी। बुशरा ने यह घड़ी उस वक्त के एक मंत्री जुल्फी बुखारी को देकर कीमत पता करने को कहा। मंत्री ने बताया कि यह तो बेहद महंगी है।

बुशरा ने उसे बेचने को कहा। ब्रांडेड घड़ी देखकर शोरूम के मालिक ने इसकी मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी को फोन कर दिया और यहीं से इमरान की कलई खुल गई। मेकर्स ने सीधे MBS के ऑफिस से संपर्क किया और बता दिया कि आपने जो 2 घड़ियां बनवाईं थीं, उनमें से एक बिकने के लिए आई है। ये आपने भेजी है या चोरी हुई है?
कुछ महीने पहले इमरान की पत्नी बुशरा और दोस्त जुल्फी बुखारी का ऑडियो लीक हुआ। इसमें साफ हो गया कि इमरान के कहने पर ही बुशरा ने जुल्फी बुखारी से संपर्क किया था और उन्हें घड़ियां बिकवाने को कहा था। जुल्फी इमरान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उनके बड़े राजदार माने जाते हैं।
जब इमरान पर सरकारी खजाने (तोशाखाना) के गिफ्ट्स बेचने के आरोप लगे तो उनकी पार्टी ने बचाव में फर्जी सबूत पेश किए। कहा- तमाम गिफ्ट्स नियमों के मुताबिक, तोशाखाना से खरीदे गए थे। एक घड़ी इस्लामाबाद के एक शोरूम में बेची गई थी। इसके बिल भी मौजूद हैं।
खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने जो बिल मीडिया को दिखाया। वो दरअसल, हाथ से लिखा एक कागज था। मजे की बात यह है कि जिस दुकान का यह बिल था, उसके मालिक ने वीडियो जारी करके साफ कर दिया कि यह फर्जी बिल है। अशफाक नाम के शोरूम मालिक ने कहा था- हम प्रॉपर बिल देते हैं। जो बिल दिखाया जा रहा है, वो जाली है। न तो वो हैंडराइटिंग मेरी है और न सिग्नेचर। मैं PTI पर केस दायर कर रहा हूं।
खान एक और जगह फंस गए। दरअसल, उन्होंने दावा किया कि घड़ी इस्लामाबाद में बेची गई थी। लेकिन, दुबई के एक अमीर कारोबारी ने वीडियो जारी करके उनके झूठ की कलई खोल दी। पाकिस्तानी मूल के इस बिजनेसमैन ने कहा- इमरान की पत्नी बुशरा की दोस्त फराह गोगी ने मुझे सऊदी क्राउन प्रिंस की घड़ी और एक गिफ्ट सेट 2 लाख डॉलर में बेचा। मैंने इसका कैश पेमेंट किया। इसके सबूत मेरे पास मौजूद हैं।
फोटो 17 फरवरी 2019 की है। तब सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान यानी MBS पाकिस्तान दौरे पर आए थे। इमरान खुद प्रिंस को न सिर्फ रिसीव करने पहुंचे, बल्कि कार भी खुद ही ड्राइव की थी। MBS की गिफ्ट रिस्ट वॉच ही इमरान ने करोड़ों रुपए में बेच दी।
तोशाखाना का नियम क्या है
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
तोहफे की अनुमानित कीमत अगर 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है। इमरान ने यहां भी खेल कर दिया। 2 करोड़ का तोहफा कहीं 5 लाख तो कहीं 7 लाख का बता दिया। इसी कीमत पर इन्हें खरीदा और फिर ओरिजनल कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेच दिया। यह काम जुल्फी बुखारी और बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ फराह गोगी ने किया था।