बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी ने एक इंटरव्यू में कह बैठे, ‘भारत को 1947 में ‘तथाकथित आजादी’ मिली थी’. इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने यह बयान अपनी आगामी फिल्म, द साबरमती रिपोर्ट के प्रमोशन के दौरान दिया. अब नेटिजन्स विक्रांत मैसी को न सिर्फ खरीखोटी सुना रहे हैं. बल्कि कह रहे हैं कि वो ऐसा अपनी फिल्म को लेकर सुर्खियां बटोरने के लिए कर रहे हैं. एक्टर ने इतना ही नहीं कहा उन्होंने और क्या कहा, चलिए आपको बताते हैं.
क्या ये सचमुच आजादी थी?
‘टॉप एंगल विद सुशांत सिन्हा’ पॉडकास्ट पर अपनी उपस्थिति के दौरान, विक्रांत ने कहा, ‘हमें यह समझने की जरूरत है कि हम एक बहुत युवा राष्ट्र हैं. हम पर फ्रांसीसी, डच और मुगलों और अंततः अंग्रेजों ने आक्रमण किया और शासन किया. सैकड़ों और सैकड़ों सालों के बाद जुल्म से आखिरकार हमें तथाकथित आजादी मिल गई लेकिन क्या ये सचमुच आजादी थी?’
‘हिंदुओं को अपने ही देश में अपनी पहचान मांगने का मौका मिल गया’
उन्होंने आगे कहा, ‘वे अपने पीछे एक खुमार छोड़ गए हैं और हम उस पर कायम हैं. मुझे लगता है कि हिंदू आज आखिरकार उस स्थिति में पहुंच गए हैं जहां वे अपनी पहचान की मांग कर रहे हैं…’ मुझे लगता है कि आख़िरकार हिंदुओं को अपने ही देश में अपनी पहचान मांगने का मौका मिल गया है. हम कभी-कभी पहचान की इस अवधारणा, भावना की अवधारणा पर ध्यान नहीं देते हैं. सबसे बड़े युद्ध पर लड़ रहे हैं. हमारे जीवन के सारे डिसीजन भावनाओं और हम कैसा महसूस करते हैं, इससे प्रेरित होते हैं.’
लोगों ने सुनाई खरीखोटी
भारत की आजादी पर विक्रांत का बयान नेटिजन्स को पसंद नहीं आया. अब सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है. कुछ लोग तो उन्हें कंगना रनौत का मेल वर्जन बता रहे हैं. एक एक्स यूजर ने पोस्ट शेयर कर लिखा- ‘बहुत से लोग विक्रांत मैसी के बदले हुए सुर से हैरान हैं- लोग पूछ रहे हैं कि एक्टर हर संभावित शो में क्यों जा रहा है और @KanganaTeam के मेल वर्जन की तरह बात क्यों कर रहा है?’ एक ने चुटकी लेते हुए कहा- ‘नए इतिहासकार’. एक अन्य ने कहा- ‘लाखों लोगों के बलिदान के बाद मिली आजादी इनको तथाकथित लग रही है. इनके जैसे गद्दार सिर्फ भारत में ही पाए जाते हैं.’