दोनों शादियों से नहीं मिला विद्या सिन्हा को प्यार का सुख, जिसकी हमेशा थी तलाश

विद्या सिन्हा के तमाम फैंस आज भी उन्हें ‘रजनीगंधा’ नाम से ही जानते हैं। विद्या सिन्हा ने अपनी अदाकारी से इस किरदार में जान फूंक दी थी। विद्या की वो मासूम आंखें और उनका भोलापन करोड़ों दिलों को कायल कर गया। आज 15 नवंबर को विद्या सिन्हा की बर्थ एनिवर्सरी है। 15 नवंबर साल 1947 को जन्मीं विद्या सिन्हा ने कई दशकों तक हमारा मनोरंजन किया और सिनेमा जगत को एक अलग मुकाम तक पहुंचाने में मदद की।
पर्दे पर बेहद मासूम सी दिखने वाली विद्या सिन्हा की निजी जिंदगी में कई भूचाल आते रहे जिनके बारे में कई बार उनके फैंस को पता भी नहीं होता था। विद्या अपनी बेटी को बहुत प्यार करती थीं और उसकी चिंताएं उन्हें हर वक्त खाए जाती थीं। महज 18 साल की उम्र में ब्यूटी कॉम्पटीशन जीतने वाली विद्या ने चंद फिल्में करने के बाद शादी कर ली थी।
साल 1976 में वैंकटेश्वर अय्यर से शादी करने वाली विद्या ने कुल 30 फिल्में करने के बाद इंडस्ट्री को अलविदा कहा और वैवाहिक जीवन को स्वीकार किया। 1990 में उनकी आखिरी फिल्म आई जिसका नाम स्वयंवर था। विद्या ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वह बहुत महत्वाकांक्षी नहीं थीं। उन्होंने कहा कि वह इंडस्ट्री में आते वक्त उनका कोई प्लान नहीं था, वह बस एक फैमिली प्लान करना चाहती थीं।
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विद्या की प्रोफेशनल लाइफ में खास महत्वाकांक्षाएं भले न रही हों, लेकिन पर्सनल लाइफ को लेकर उनके ढेरों सपने थे। हालांकि नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। उनके पहले पति वैंकटेश्वर काफी बीमार रहते थे और साल 1996 में मौत हो गई थी। 2001 में विद्या सिन्हा ने नेताजी भीमाराव सालुंखे से शादी की लेकिन यह शादी भी ठीक नहीं चली। विद्या ने इस शादी में बेहिसाब तकलीफें सहीं।
कहते हैं कि विद्या ने दूसरी शादी की थी ताकि उनकी जिंदगी दोबारा पटरी पर आ सके लेकिन भीमाराव की नजर उनकी दौलत पर थी। भीमाराव ने विद्या पर केस कर दिया और वह उनका फ्लैट लेना चाहते थे। दूसरी शादी के बाद विद्या काफी तनाव में रहा करती थीं, लेकिन आखिरी वक्त तक उन्हें अपनी बेटी की चिंता खाए जाती थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें कुछ हो गया तो उनकी बेटी का क्या होगा?