मवेशियों को पालने वाले पशुपालकों के मवेशियों की तबियत बिगड़ने पर उनको लाने में दिक्कत होती है। पशुपालकों की इस व्यवहारिक दिक्कत को ध्यान में रखते हुए शासन पशुपालन विभाग को हर जिले को मोबाइल वेटरनरी यूनिट वैन देने जा रही है, जिसकी मदद से एक कॉल करने पर वेटरनरी यूनिट पशुपालक के घर पर होगी। जहां मौके पर वेटरनरी यूनिट की टीम बीमार मवेशी को उपचार देगी। जल्द ही इन मोबाइल वैन से जिलों के पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी। इस नई व्यवस्था में वेटरनरी यूनिट शामिल डाक्टर से लेकर चालक तक सब आउटसोर्सिंग से आएगा।
यूपी पुलिस के डॉयल 112 की तर्ज पर जल्द ही पशुपालन विभाग की मोबाइल वेटरनरी यूनिट 1962 कॉल करते ही पशुपालकों के द्वार पर बीमार मवेशियों का उपचार करने पहुंचेंगी। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस वेटरनरी यूनिट में अल्ट्रासाउंड,एक्सरे के साथ मिनी आपरेशन भी करेंगी। इस वेटरनरी यूनिट में एक पशुचिकित्साधिकारी,मल्टी टास्किंग पर्सन,पेरावेटनरियन,वैन चालक रहेंगे लेकिन यह पूरा स्टाफ आउटसोर्सिंग से भर्ती होगा। हर जिले को वहां के मवेशियों की संख्या के हिसाब से गाड़ियां दी जाएंगी। एक लाख पशुधन पर एक गाड़ी का प्रावधान है। ऐसे में मुरादाबाद को छह गाड़ियां मिलेंगी, जिससे जिले में गंभीर बीमार होने वाले मवेशियों को उपचार को मोबाइन वेटरनरी यूनिट तत्काल मौके पर पहुंचेगी।
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, डा.अनिल कंसल ने कहा कि वेस्ट यूपी के कुछ जिलों में गौवंश में लंपी वायरस मिलने पर तेजी से संक्रमण से बचाने को गौवंशों को वैक्सीन लगवाने के लिए शासन ने ट्रायल पर दो दो वैन को जिलों को दिया। संक्रमण खत्म होते ही इस यूनिट को लखनऊ भेजकर बची सुविधाओं से लैस कर जिले के हिसाब से भेजा जाएगा। मोबाइल वेटरनरी यूनिट मिलने से पशुपालकों को मवेशियों का उपचार घर पर मिल जाएगा। डेढ़ से दो माह के भीतर यह व्यवस्था हर जिले में काम करने लगेगी।