जी-7 में हिस्‍सा लेने ब्रिटेन पहुंचे अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन, पद संभालने के बाद है पहली विदेश यात्रा

अमेरिका के राष्‍ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन अपने पहले विदेश दौरे पर ब्रिटेन पहुंचे हैं। यहां पर वो कॉर्नवेल में होने वाले जी-7 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए पहंचे हैं। ये सम्‍मेलन 11-13 जून तक चलेगा। उनकी ये यात्रा कई मायनों में बेहद खास है। आपको बता दें कि जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। जी-7 भले ही तीन दिन का हो लेकिन उनका ये दौरा इससे काफी लंबा है। बाइडन इसके बाद जिवा में 16 जून को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी करेंगे। काफी लंबे समय से अमेरिका और रूस के बीच खराब चल रहे संबंधों को देखते हुए ये मुलाकात काफी खास होने वाली है। इस दौरान दोनों ही अपने विवादित मुद्दों को आमने सामने खुलकर रखेंगे।

इस सम्मेलन में महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए कोरोना वैक्सीन की उपलब्‍धता, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण जैसे कुछ खास मुद्दों पर बातचीत होगी। कहा ये भी जा रहा है कि इसमें वैक्‍सीन की सप्‍लाई को लेकर दबाव भी डाला जाएगा। आपको बता दें कि ये सम्‍मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब कई देश और वैश्विक संगठन लगातार इस बात को कह रहे हैं कि अमीर देश अपने यहां मौजूद वैक्‍सीन की अतिरिक्‍त खुराक को गरीब देशों के लिए दान में दें। इसलिए ये मुद्दा पूरे जोर-शोर से उठने की उम्‍मीद है। गौरतलब है कि अमेरिका के साथ ब्रिटेन भी वैक्‍सीन को दान में देने की बात कर चुका है लेकिन उसने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वो कितनी खुराक देगा। वहीं अमेरिका ने 20 मिलियन वैक्सीन की खुराक देने की घोषणा पिछले सप्‍ताह ही की है।

सम्‍मेलन के बाद बाइडन और जिल ब्रिटेन की महारानी से मिलने विंडसर कैसल जाएंगे। इसके बाद वो बेल्जियम और फिर स्विटजरलैंड भी जाएंगे। गुरुवार को वो कारबिज बे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वो बुधवार को जब रॉयल एयरफोर्स सफोक के मिल्‍डेनहाल पर उतरे तो वहां पर उनकी अगुवाई करने के लिए अमेरिका सेना के अधिकारी और उनके परिजन वहां पर मौजूद थे। यहां पर उन्‍होंने इनको संबोधित किया। राष्‍ट्रपति बाइडन के साथ अमेरिकी प्रथम महिला जिल बाइडन भी मौजूद थीं। इस मौके पर बाइडन ने कहा कि अमेरिका वापस आ गया है और दुनियाभर के लोकतंत्र हमारे साथ हर चुनौती का सामना करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि हमें हर हाल में अपने लोगों के बारे में सोचना है और अपनी वैल्‍यूज को आगे के लिए भी संजो कर रखना है।