अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन दो दिन के दौरे पर रविवार को भारत पहुंचे। वो सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगे और डिफेंस प्रोजेक्टस पर चर्चा करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑस्टिन इस दौरान अमेरिकी फाइटर जेट्स की टेक्नोलॉजी शेयर करने और 30 MQ-9B ड्रोन की खरीदारी पर बात कर सकते हैं।
पिछले साल MQ-9B ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉर्पोरेशन के CEO डॉ. विवेक लाल ने बताया था कि दोनों सरकारों के बीच इस ड्रोन की खरीदारी पर बातचीत लास्ट फेज में है। इन 30 ड्रोन को चीन के साथ लगने वाली लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और भारत की समुद्री सीमा पर सर्विलांस और सिक्योरिटी बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
लॉयड ऑस्टिन के भारत दौरे को लेकर पेंटागन ने बयान जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप मजबूत होगी। दोनों नेता इंडो-पैसिफिक और LAC पर चीन की बढ़ती दखलअंदाजी पर भी चर्चा करेंगे।
लॉयड ऑस्टिन का ये दौरा पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से 15 दिन पहले हो रहा है। ये लॉयड ऑस्टिन का दूसरा भारत दौरा है। इससे पहले वो 2021 में भारत आए थे। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच स्ट्रैटजिक और डिफेंस पार्टनरशिप मजबूत हुई है।
MQ-9B ड्रोन MQ-9 ‘रीपर’ ड्रोन का एडवांस वर्जन है। पिछले साल इसका इस्तेमाल अफगानिस्तान के काबुल में हेलफायर मिसाइल को दागने के लिए किया गया था। इस मिसाइल से अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी की मौत हो गई थी। माना जाता है कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को खोजने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया था। हालांकि तब इसका पुराना वर्जन इस्तेमाल किया गया था। भारत जिस वर्जन को खरीदने जा रहा है उसे दुनिया का मोस्ट एडवांस्ड ड्रोन कहा जाता है।
यह ड्रोन करीब 35 घंटे हवा में रह सकता है। यह फुली रिमोट कंट्रोल है। इसके लिए दो लोगों की जरूरत पड़ती है। यह एक बार उड़ान भरने के बाद 1900 किलोमीटर क्षेत्र की निगरानी कर सकता है। सूत्रों के अनुसार यह एक घंटे में 482 किलोमीटर उड़ सकता है। इसके पंखों की लंबाई 65 फीट 7 इंच और इसकी ऊंचाई 12 फीट 6 इंच होती है।