अमेरिका और ब्रिटेन कोविड-19 की संभावित उत्पत्ति की गहराई से जांच करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर लगातार दबाव बना रहे हैं। दोनों देशों का मानना है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम को चीन का नये सिरे से दौरा करना चाहिए।
डब्ल्यूएचओ और चीनी विशेषज्ञों ने गत मार्च में एक रिपोर्ट जारी करके इस महामारी के उत्पन्न होने की चार संभावनाओं के बारे में जानकारी दी थी। इस संयुक्त टीम का मानना है कि इस बात की प्रबल आशंका है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों से किसी अन्य जानवर के माध्यम से लोगों में प्रवेश कर गया। संयुक्त टीम ने कहा कि इसकी संभावना ”बेहद कम” है कि यह वायरस किसी प्रयोगशाला में तैयार किया गया।
जिनेवा में अमेरिकी मिशन ने बृहस्पतिवार को एक वक्तव्य जारी करके कहा था कि कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर संयुक्त टीम की ओर से की गयी पहले चरण की जांच “अपर्याप्त और अनिर्णायक” है। इसलिए तय समय के भीतर पारदर्शी तरीके से विशेषज्ञों के नेतृत्व में साक्ष्य-आधारित दूसरे चरण की जांच की जानी चाहिए। इसके लिए दोबारा चीन का दौरा किया जाना चाहिए।