उत्तर प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने मुख्यमंत्री योगी का विशेष कार्य अधिकारी बनकर शासन के अलग-अलग विभागों के अधिकारी के तौर पर फर्जी जांच प्रकरण की धमकी देने वाले और ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यूपी एसटीएफ ने पूर्व सहायक समीक्षा अधिकारी (सचिवालय) समेत 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
आरोपी पहले अधिकारियों से मुलाकात करते फिर फर्जी जांच का धौंस जमाकर ठगी करते थे. आरोपियों पर जबरन धन उगाही का भी इल्जाम लगा है. पुलिस ने इस सिलसिले में 4 लोगों को धर दबोचा है. आरोपियों के नाम प्रमोद कुमार, अतुल शर्मा, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और राधेश्याम कश्यप हैं. ये आरोपी बीते कई दिनों से यूपी के अलग-अलग जनपदों के अधिकारियों को सीएम योगी का फर्जी विशेष अधिकारी बताकर ठगी करते थे. इस संबंध में पहले भी शिकायतें मिली थीं. अपर मुख्य सचिव, गृह, गोपन एवं कारागार अवनीश अस्थी ने जांच के आदेश दिए थे. पूरे मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स कर रही थी.
एसटीएफ की तफ्तीश के दौरान खुफिया सूत्रों से यह जानकारी मिली कि सीएम योगी का विशेष कार्यधिकारी बनकर शासन और अन्य विभागों के अधिकारी बनकर कुछ लोग धन उगाही कर रहे हैं. इस गिरोह की तलाश में पुलिस जुट गई थी. इस गिरोह ने फरीदपुर बरेली के प्रधान अध्यापक मुन्ने अली से 1 लाख रुपये की मांग की थी. पुलिस की सक्रियता से आरोपियों को दबोच लिया गया है.