त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला हुआ है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में अपना दम दिखाया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन से उपजे रोष के चलते रालोद ने भी अप्रत्याशित तौर पर बेहतर प्रदर्शन किया है। मंगलवार रात एक बजे तक आए नतीजों के अनुसार दावा है कि भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य की 489 सीटें और सपा ने 660 सीटें जीती हैं। हालांकि सपा को मिली सीटें वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनावों के मुकाबले कम हैं।
पिछली बार सपा ने दावा किया था कि उसने 3121 सीटों में से 70 फीसदी यानी 2184 सीटों पर जीत दर्ज की है। फिर भी सपा की सीटें भाजपा से अधिक हैं। वर्ष 2015 में बसपा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया था। वह दूसरे, भाजपा तीसरे व कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी। इस बार निर्दलीयों ने भी 321 सीटों पर जीत का दावा किया है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा है कि भाजपा ने पंचायत चुनावों में 900 से ज्यादा सीटें जीती हैं और 400 निर्दलीय पार्टी के संपर्क में हैं।