LU यानी लखनऊ विश्वविद्यालय में रोजगारपरक शिक्षा और युवाओं के स्टार्टअप और आइडिया को बढ़ावा देने पर जोर हैं। विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर ने छात्रों से नए आइडिया मांगे हैं। आइडिया को स्टार्टअप में बदलने में यह इन्क्यूबेशन सेंटर मदद करेगा।
सेन्टर के निदेशक प्रो. अमृतांशु शुक्ल ने बताया कि इनक्यूबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों के लिए एक ही स्थान पर सरल वातावरण और जरूरी मदद देना है। जिससे वह नए व्यवसाय की शुरुआत करके स्टार्टअप की विकास योजनाओं को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया जा सके हैं।
विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन सेन्टर की स्थापना से लाइब्रेरी, मीटिंग या कॉन्फ्रेंस, कैंटीन, पुस्तकालय के साथ तकनीकी मदद आसानी से मिल जाता है। प्रो. अमृतांशु ने बताया कि नव उद्यमियों को अपने बिजनेस को विकसित करने के लिए समय समय पर नई तकनीकी जानकारी, उपकरण व प्रशिक्षण भी दिया जाता है। साथ ही स्टार्टअप के लिए पैसा कहां से जुटाएं तथा नए आइडियाज के लिए कंपनी के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जानकारी भी दी जाती है।
इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़ने के लिए कंपनी का रजिस्ट्रेशन, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग से प्रमाण पत्र लेना जरूरी है। प्रो. अमृतांशु ने बताया कि सेंटर से विश्वविद्यालय से बाहर के लोग भी जुड़ सकते हैं बशर्ते उनकी कंपनी का प्रमुख कार्यालय क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हो।
साल 2023-24 के बजट में स्टार्टअप को बढावा देने के लिए 100 करोड़ रुपए के सीड फंड की व्यवस्था की गई है। साथ ही उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति के लिए 60 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र के युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्टअप्स की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन प्रो.पूनम टंडन ने कहा कि विश्वस्तरीय सभी विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन सेंटर एक सामान्य प्रक्रिया है, अब एलयू में भी इसको बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने स्वयं आवेदन मांगे हैं। इच्छुक स्टार्टअप गूगल फॉर्म या ईमेल के जरिए इनक्यूबेशन सेंटर तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं।