केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार को स्वामित्व स्कीम के संबंध में दिशानिर्देश जारी की। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस स्कीम का शुभारंभ किया गया। प्रायोगिक तौर पर इस योजना की शुरूआत पहले छह राज्यों मंे की जाएगी। तोमर ने कहा है कि देशभर में पंचायतों को डिजिटली रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने अनेक कार्यक्रम चलाए हैं। पंचायत राज मंत्रालय की नई पहल- स्वामित्व योजना के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों के दस्तावेज के साथ अधिकार प्रदान करना है ताकि वे आर्थिक प्रयोजनों के लिए अपनी संपति का इस्तेमाल कर सकें।
यह कार्यक्रम फिलहाल छह राज्यों में प्रायोगिक तौर शुरू किया गया है। इसके तहत नवीनतम सर्वेक्षण पद्धतियों और ड्रोन का इस्तेमाल कर ग्रामीण आवासन भूमि का मानचित्रण किया जा सकता है।
केंदरीय मंत्री तोमर ने कहा कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजन तथा राजस्व संग्रह को सुचारू बनाने और संपदा अधिकारों पर स्पष्टता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इससे संपत्ति संबंधित विवादों के समाधान में भी सहायता मिलेगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बहरहाल, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तरखंड में इस योजना को लागू किया जा रहा है।
पंजाब और राजस्थान में, इस वर्ष के दौरान 101 सतत परिचालन संदर्भ स्टेशन (कॉर्स) स्थापित किए जाएंगे जो अगले साल गांवों के बसे हुए क्षेत्रों के वास्तविक सर्वेक्षण और मानचित्रण के लिए मंच तैयार करेंगे।
तोमर ने इस अवसर पर ई-ग्राम स्वराज के बारे में एक मानक संचालन प्रक्रिया-एसओपी भी जारी की। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के पालन से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पंचायतों को दी गई धनराशि का दुरूपयोग न हो और इसके इस्तेमाल में पारदर्शिता कायम की जा सके।
उन्होंने कहा कि इस प्रकिया के जरिए पंचायती राज मंत्रालय के भुगतान पोर्टलों प्रिया सॉफ्ट और पीएफएमएस को एकीकृत करते हुए एक सुदृढ़ वित्तीय व्यवस्था कायम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंचायतों को डिजिटली सशक्त बनाने के लिए एक अभियान चलाने की आवश्यकता है।