वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के केंद्रीय बजट में शिक्षा, रोजगार, और कौशल विकास के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उच्च शिक्षा के लिए, सरकार ने 10 लाख रुपये तक के ऋण पर वित्तीय सहायता की घोषणा की है, जो एक लाख छात्रों को ई-वाउचर और 3% ब्याज अनुदान के माध्यम से प्रदान की जाएगी। कौशल विकास के लिए, 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) का उन्नयन, पाठ्यक्रम सामग्री को उद्योग की आवश्यकताओं के साथ संरेखित करना, और मॉडल कौशल ऋण योजना का संशोधन शामिल है।
बजट में शिक्षा, रोजगार, और कौशल पहल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो युवाओं को सशक्त बनाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने का संकेत है। बिहार और ओडिशा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है। विष्णुपथ मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर का विकास काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर किया जाएगा। बिहार में राजगीर और नालंदा के लिए व्यापक विकास पहल की जाएगी, और ओडिशा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्थलों का विकास होगा।
वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के लिए पूंजीगत व्यय की पुष्टि की और राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.9% रहने का अनुमान जताया। छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास भी बजट में शामिल है, जिसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी।
सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6% और प्लैटिनम पर 6.5% किया गया है। आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की जाएगी, और मोबाइल फोन और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाकर 15% किया जाएगा। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर 1% से घटाकर 0.1% की जाएगी।
नई कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की जाएगी, और पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये की जाएगी। कर दर संरचना में भी बदलाव किए गए हैं: 0-3 लाख रुपये – शून्य; 3-7 लाख रुपये – 5%; 7-10 लाख रुपये – 10%; 10-12 लाख रुपये – 15%; 12-15 लाख रुपये – 20%; और 15 लाख रुपये और उससे अधिक – 30%।
एंजल टैक्स को समाप्त कर दिया गया है, और विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर 40% से घटाकर 35% की जाएगी। कांग्रेस ने बजट को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया, लेकिन वित्त मंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र के कई सुझावों को अपनाया है। कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट 2024-25 में कई महत्वपूर्ण सुधार और घोषणाएं की गई हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होंगे।