सुनील शेट्टी आज 62 साल के हो चुके हैं। एक सफाई कर्मचारी के बेटे सुनील शेट्टी ने अपने हुनर से न सिर्फ देशभर में नाम, दौलत, शोहरत कमाई बल्कि वो सारी बिल्डिंग खरीद लीं, जहां उनके पिता कभी सफाई किया करते थे। एक फोटोशूट के जरिए फिल्मों में आए सुनील को लोगों ने इंडस्ट्री छोड़ने की सलाह दी थी, हालांकि बाद में वो 90 के दशक के हाईएस्ट पेड एक्टर्स में शुमार हुए।
11 अगस्त 1961 को सुनील शेट्टी का जन्म मैंगलोर (अब कर्नाटक) के मुल्की शहर में हुआ। मिडिल क्लास परिवार में जन्मे सुनील के पिता वीरप्पा शेट्टी के पास मैंगलोर में कोई काम नहीं था, तो वो 9 साल की उम्र में काम की तलाश में सीधे सपनों के शहर मुंबई आ पहुंचे। यहां कुछ काम समझ नहीं आया तो एक बिल्डिंग में सफाई कर्मचारी बन गए और जुहू इलाके में ठिकाना बना लिया।
जुहू स्थित घर से कुछ दूर ही पाम बीच स्कूल था, जहां सुनील शेट्टी का दाखिला करवाया गया। सुनील इतने शरारती थे कि आए दिन घर पर शिकायतें आती रहती थीं। कभी उनसे स्कूल में पढ़ने को कहा जाता तो वो लकड़ियों के भाव बढ़ गए हैं को लड़कियों के भाव बढ़ गए हैं बोलकर पूरी क्लास को हंसाते, तो कभी दूसरी शैतानियों से। ये शेतानियां घर पर भी जारी थीं।
शरारतों के साथ बेहतरीन क्रिकेट खेलने के कारण भी सुनील स्कूल में चर्चित थे। स्कूल की क्रिकेट टीम का हिस्सा रहते हुए सुनील ने कई मैचों में जीत दिलवाई। स्कूल में हर किसी को लगता था कि सुनील एक दिन बड़े क्रिकेटर बनेंगे। सुनील खुद भी क्रिकेटर बनने का सपना देखते थे।
एक बार की बात है- जब 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाने के लिए सुनील ने अपने करीबियों को पुलिस के डंडे पड़वा दिए। सुनील का एक बचपन का दोस्त था, जिसके पिता थिएटर की टिकट प्रिंट करने का काम करते थे। सुनील ने सोचा कि क्यों न नकली टिकट बांटकर लोगों को अप्रैल फूल बनाया जाए। सुनील ने नकली टिकटें प्रिंट करवाईं और सबको मुफ्त में बांट दीं। जब लोग नकली टिकट लेकर सिनेमाघर पहुंचे तो सीट न मिलने पर लड़ने लगे। नकली टिकट लेकर पहुंचे उन लोगों की पुलिस ने पिटाई कर दी। इस प्रैंक में सुनील के अंकल भी शामिल थे, लिहाजा पकड़े जाने पर सुनील से ज्यादा अंकल को डांट पड़ी।
जुहू में जिस जगह सुनील शेट्टी रहते थे, वहां आस-पास फिल्मों की शूटिंग होती रहती थी। एक दिन अमिताभ बच्चन उस जगह जीनत अमान के साथ शूटिंग के लिए पहुंचे। जैसे ही अमिताभ को देखने के लिए सुनील ने अपने दोस्तों के साथ पास जाने की कोशिश की तो गार्ड ने उन्हें रोक दिया। ये सब अमिताभ ने देखा तो उन्होंने गार्ड से कहा कि बच्चों को मत रोको, आने दो।
मुलाकात के दौरान अमिताभ ने सुनील शेट्टी को अपना नंबर भी दिया था, लेकिन उन्होंने ये सोचकर कभी उस नंबर पर कॉल नहीं किया कि शायद वो नंबर किसी और का होगा। ये किस्सा खुद सुनील ने कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर सुनाया था। उन्होंने ये भी कहा कि अमिताभ बच्चन का ध्यान बच्चों से ज्यादा जीनत अमान पर था। ये सुनकर बिग बी भी हंस पड़े थे।
जब सुनील बड़े हुए तो घर की माली हालत थोड़ी बेहतर होने लगी। पिता ने सफाई कर्मचारी का काम छोड़कर एक साउथ इंडियन उडुपी रेस्टोरेंट खोल लिया, जहां कई स्ट्रगलर्स आया करते थे। सुनील शेट्टी भी फुर्सत में उस रेस्टोरेंट में जाकर पिता की मदद किया करते थे।
कुछ समय बाद जब पिता का रेस्टोरेंट चल निकला तो सुनील ने एक कपड़े की दुकान भी खोल ली। स्कूल के दिनों में जैकी श्रॉफ उनके सीनियर हुआ करते थे। फिर स्कूल से निकलकर दोनों की दोस्ती भी हो गई। जब चॉल में रहने वाले जैकी श्रॉफ मॉडलिंग के दिनों में स्ट्रगल कर रहे थे, तब सुनील उन्हें अपने पिता की दुकान से नए कपड़े निकालकर दिया करते थे। जैकी उन कपड़ों को पहनकर मीटिंग करने जाते और वापस आकर लौटा देते।
ये एहसान चुकाने के लिए जैकी श्रॉफ, तैयार होकर सुनील की दुकान के आगे घूमा करते थे, जिससे दूसरे लोग भी उनकी दुकान की तरफ आकर्षित होकर कपड़े खरीदने आएं।
जैकी श्रॉफ फिल्मों में आने के बाद भी चॉल में रहा करते थे। एक बार जब उनके पिता काकूभाई श्रॉफ को पेनिसिलिन का इन्फेक्शन हुआ तो उनकी चमड़ी निकलने लगी। चॉल के एक छोटे से कमरे में उनकी देखरेख नहीं हो पा रही थी। जैसे ही ये बात सुनील को पता चली तो उन्होंने जैकी से कहा कि वो अपने पिता को उनके मीरामार स्थित घर पर रखें। जैकी मान गए, तो सुनील ने अपना घर उन्हें दे दिया और खुद उनके ठीक होने तक कहीं और गुजारा किया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनील ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की। इसी बीच उनकी दोस्ती शब्बीर बॉक्सवाला से हो गई, जो उस समय एक स्क्रीनप्ले राइटर बनकर इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे। दोनों साथ घूमते और मस्ती करते थे। जब भी शब्बीर, सुनील के साथ बाहर निकलते तो उनकी पर्सनैलिटी देखकर हर कोई उन्हें पलटकर देखता था। तभी शब्बीर को लगा कि सुनील हीरो बन सकते हैं।
शब्बीर उस समय डायरेक्टर राजीव राय के साथ काम कर रहे थे, जो त्रिदेव और विश्वात्मा जैसी हिट फिल्में बना चुके थे। एक दिन मौका पाते ही शब्बीर ने राजीव राय के सामने सुनील का जिक्र छेड़ दिया। तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि देखना ये लड़का एक दिन बड़ा स्टार बनेगा।
शब्बीर की बातें सुनकर राजीव ने फोटोग्राफर जे.पी. सिंघल से कहा कि वो सुनील को बुलाकर उनका एक पोर्टफोलियो तैयार करें, क्योंकि उन्हें देखना था कि सुनील कैमरे में कैसे लगेंगे। शब्बीर उन्हें स्टूडियो ले गए। जैसे ही सिंघल ने उन्हें देखा तो सबसे पहली नजर सुनील के बायसेप्स पर पड़ी। उन्होंने तुंरत पूछा- क्या तुम वर्क आउट करते हो?
जवाब हां में मिला, तो उन्होंने आगे कहा- अगर तुम्हें ऐतराज न हो तो क्या तुम मेरे लिए अपनी शर्ट उतार सकते हो। क्या तुम मुझे अपनी बॉडी दिखाओगे।
सुनील ने शर्ट उतारने के साथ ही एक बॉडी बिल्डर की तरह पोज करना शुरू कर दिया, जिसे देखकर फोटोग्राफर दंग रह गए। सुनील की बॉडी और कॉन्फिडेंस देखते ही फोटोग्राफर जे.पी. सिंघल ने उनसे कहा- सुनील तुम हीरो बन गए। तुम्हें हीरो बनने से कोई नहीं रोक सकता।
सुनील फिल्मों में आने के बाद भी हमेशा क्रिकेटर न बन पाने का अफसोस जताते थे। वो जब भी किसी क्रिकेटर को ज्यादा रन बनाते देखते थे तो उनकी आंखों में आंसू आ जाते थे। कई बार तो ऐसा भी हुआ जब वो मैच देखते हुए ये सोचकर रोने लगे कि वो खुद क्यों नहीं क्रिकेटर बन सके।
फिलहाल सुनील शेट्टी अपने अधूरे सपने की भरपाई सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग की मुंबई हीरो टीम के कैप्टन बनकर कर रहे हैं। बता दें कि सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी ने इंडियन क्रिकेटर के.एल. राहुल से शादी की है।