अफगानिस्तान को कोविड-19 का टीका देने के भारत के कदम की संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने की प्रशंसा

अफगानिस्तान ने दुनियाभर में अपना कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस के संकट के बीच भारत द्वारा कोरोना रोधी टीका देने के कदम की प्रशंसा की है। दरअसल, साथ ही संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों एवं काबुल के राजनयिकों ने अफगानिस्तान का मुश्किल समय में साथ देने के लिए भारत की जमकर तारीफ की। वहीं, टीके मिलने के साथ ही युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में प्राणघातक वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के अफगानिस्तान में विशेष प्रतिनिधि एवं अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएमए) के प्रमुख देबोरा लॉयन्स ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत हो गई है। अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्होंने कहा, ”हमें संभावित तीसरी लहर के प्रति सतर्क रहना होगा।

टीकाकरण अब शुरू हो गया है और भारत सरकार द्वारा दिए गए दान तथा कोवैक्स सेवा से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद। टीकाकरण अभियान आगे बढ़ रहा है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह देश भर में प्राथमिकता वाले समूह तक पहुंचे।” संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि एवं राजदूत अब्देला राज ने भी कोविड-19 टीका मुहैया कराने के लिए सुरक्षा परिषद में भारत का आभार व्यक्त किया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद को बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत ने मानवीय सहायता के तौर पर चाबहार बंदरगाह के रास्ते अफगानिस्तान को 75 हजार मीट्रिक टन गेंहू भेजा है।

उन्होंने कहा, ”कोविड-19 महामारी के दौरान अफगानिस्तान की मदद करने के प्रयासों के तहत भारत में निर्मित कोविड-19 टीके की 9,68,000 खुराक की आपूर्ति की गई है जिनमें से पांच लाख खुराक की आपूर्ति अनुदान के रूप में की गई है।