उमरिया: 2 फरवरी 2021 को रात्रि 8.30 बजे कल्लवाह परिक्षेत्र के जनाड़ हाथी कैंप में वयोवृद्ध 70 वर्षीय हथिनी तूफान की मृत्यु हो गई। 2 फरवरी को रात्रि तूफान जनाड़ हाथी कैंप के समीप नाले में पानी पीने गई और वहीं बैठ गई।
थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। तूफान को उसकी वृद्धावस्था के कारण गत वर्ष सेवा निवृत्त किया गया था और उसका उपयोग गश्त में नहीं किया जा रहा था। इसके पूर्व तूफान द्वारा बांधवगढ़ में कई रेस्क्यू और गश्त कार्य में सक्रिय योगदान दिया था।
बांधवगढ़ के पूर्व तूफान द्वारा कान्हा और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में भी सेवाएं दी थीं। तूफान की संतान वनराज को नौरादेही अभ्यारण्य भेजा गया था और इसकी एक संतान अष्टम, आज भी बांधवगढ़ में है।
तूफान को अपने जीवनकाल में कुंभी कछार कैंप में जंगली हाथियों द्वारा घायल भी किया था। तूफान की मृत्यु के साथ अब बांधवगढ़ में मात्र 14 हाथी ही शेष हैं, तूफान की मृत्यु से बांधवगढ़ परिवार में शोक व्याप्त है।
वन्य जीव हाथी और मानव का पुराना रिश्ता रहा है। राजेश खन्ना की फिल्म हाथी मेरे साथी फिल्म में किसे याद नही होगी। तूफान की मृत्यु के बाद महावत मिठ्ठू बैगा फफक कर रो पड़ा। ऐसा लग रहा था जैसे उसके किसी घनिष्ठ की मृत्यु हो गई है।
घटना स्थल पर मौजूद वन्य प्राणी प्रेमियों ने भी अश्रु पूरित श्रद्धांजलि दी।