उमरिया जिले में जहां जीवित व्यक्ति प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दर दर भटक रहा है तो वहीं मृत व्यक्ति के नाम पर प्रधानमंत्री आवास देकर पंचायत ने अपना नाम रोशन किया है, तो जमीनी हकीकत यह है कि आदिवासियों का शोषण अभी भी जारी है, और दबंग सरपंच सचिव रोजगार सहायक की दादागिरी अभी भी जारी है सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए नित नए कार्यक्रम आयोजित कर नई योजना बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहती है मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही है
मामला उमरिया जिले के करकेली जनपद के ग्राम पंचायत जरहा का है जहां पर एक मृत व्यक्ति के नाम पर पीएम आवास योजना स्वीकृत कर दी गई और रोजगार सहायक ने मकान भी बनवा दिया॥ यहां तक कि जिन पात्र हितग्राहियों का नाम सूची में है या होना था उन लोगों का नाम न होकर मरे हुए व्यक्तियों के नाम से आवास स्वीकृत कर उसमें कमीशन का खेल खेला गया॥
सुनिये मृतक की बेटी प्रेमिया बाई बताई कि मेरे बड़े पिताजी के नाम से आवास स्वीकृत हुआ था और उनकी मृत्यु हो गई है उनके नाम से कौन बनवा लिया है मेरे को नही पता। वहीं जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना हैं
कि इसकी जांच करवाई जाएगी और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी साथ ही उनके ऊपर एफआईआर भी करवाई जाएगी।
सवांददाता: कंचन साहू