एनएच 43 लोढ़ा-भरौला गांव में बैसाखु (परिवर्तित नाम) के चार बेटे थे। बुढ़ापा आने के पहले चारों असमय मृत हो गये। कोरोना काल में खाने के लाले थे। अप्रैल 2020 से पुलिस टीम यहां राशन से लेकर जरूरत का सामान पहुंचाती है। इसी तरह विकटगंज में एक बूढ़ी मां का 25 वर्षीय बेटा हादसे का शिकार हो गया। बहू घर छोडकर चली गई। दादी गरीबी के बीच नातिन को पाल रही है। बिलासपुर चौकी गांजर गांव में पिता आंख से दिव्यांग मां की मानसिक हालत ठीक नहीं। यहां भी पुलिस मददगार की भूमिका में है। पिछले साल कोरोना काल में लोगों की मदद के दौरान यह अभियान छेड़ा गया था। बेसहारा बुजुर्गों के लिए अभी भी लगातार जारी है।
सवांददाता: कंचन साहू