उमरिया : पिता ने पुलिस महानिरीक्षक से लगाई न्याय की गुहार

पिता ने पुलिस महानिरीक्षक से लगाई न्याय की गुहार,

पुत्र गांजा केस में नहीं था शामिल,

उमरिया आया था घूमने फस गया गांजे के केस में

शहडोल मामला उमरिया जिले के थाना चंदिया के द्वारा पुत्र को फंसा दिया गया गांजा के झूठे केस में पीड़ित पिता विजय सोनी ने पुलिस महानिरीक्षक से न्याय की मांग करते हुए बताया कि मैं शाहपुरा वार्ड नंबर 1 जिला डिंडोरी का पीड़ित निवासी है और ग्राम कोयलारी थाना चंदिया जिला उमरिया का पुश्तैनी निवासी है लगभग 25 वर्षों से अपने परिवार के साथ शाहपुरा जिला डिंडोरी में अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता है,

यह है मामला..!

26 जनवरी 2022 को पीड़ित के पुत्र साहिल सोनी अपने बड़े पापा जो उमरिया में रहते हैं यहां वह घूमने आया था रात हो जाने के कारण वह उमरिया में ही रुक गया पीड़ित पिता का कहना है कि सुबह-सुबह गांव में कोई घटना हो गई थी उसी को देखने वह गांव के तरफ चला गया इसी दरमियान पुलिस द्वारा गांजे के साथ अन्य आरोपियों के 77 पीड़ित के पुत्र साहिल सोनी को भी आरोपी बना लिया गया यह मामला 27 जनवरी 2022 को गिरफ्तार कर 28 जनवरी 2022 को न्यायालय उमरिया पेश कर जेल भेज दिया गया

नहीं हुआ सुनवाई पीड़ित पिता का…!

पीड़ित पिता द्वारा चंदिया थाने से बार-बार यही बोला जा रहा था की मेरा पुत्र गांजा का व्यापार में नहीं था शामिल इसे झूठा केस में फसाया जा रहा है पर चंदिया थाना के पुलिस के द्वारा पीड़ित का किसी प्रकार का बात नहीं सुना गया पीड़ित का कहना है कि मेरे निवास स्थान शाहपुरा जिला डिंडोरी से ग्रामवासियों एवं मोहल्ला वासियों से पूछताछ कर के साथ ही ग्राम कोयलारी थाना चंदिया के ग्राम वासियों से पूछताछ करके जांच कराई जाए यहां तक की पीड़ित के पुत्र का हिल सोनी की संदिग्धता की भी जांच कराई जाए और तो और पीड़ित के पुत्र साहिल सोनी शाहपुरा से उमरिया जिस बस मनोज ट्रेवल्स मे आया था उस सीसीटीवी कैमरा भी लगा था उसका फुटेज से यह साबित हो सकता है कि साहिल सोनी निर्दोष है वह किसी प्रकार से इस गांजा के केस में लिप्त नहीं है!
पर सवाल यह उठता है, कि क्या पुलिस किसी को भी दोषी बना सकती है, या फिर जांच कराकर दोषी बनाती है पर इस केस में यह साबित होता है कि एक बेकसूर लड़के को पुलिस द्वारा गांजा के झूठे केस में फंसा कर उसका भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं अब देखना यह है कि पीड़ित के गुहार से क्या पीड़ित को न्याय मिलेगा या फिर पीड़ित दर-दर की ठोकरें खाएगा