चुनाव में जेलेंस्की का साथ देने वाला यूक्रेनी अरबपति गिरफ्तार, पढ़िए रिपोर्ट

रूस से चल रही जंग के बीच शनिवार को यूक्रेन की कोर्ट ने वहां के एक अरबपति की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। इहोर कोलोमोइस्की नाम के इस अरबपति पर फ्रॉड के आरोप लगे हैं। उसे 31 अक्टूबर तक हिरासत में रखा जाएगा। कोलोमोइस्की को यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की का समर्थक माना जाता है।

कोर्ट ने माना है कि 2013 से 2020 के बीच कोलोमोइस्की ने गैरकानूनी तरीकों से कमाए करोड़ो रुपयों को बाहरी देशों में अपने कंट्रोल वाले बैंकों के जरिए कानूनी करवा लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने कोलोमोइस्की को 115 करोड़ रुपए देकर बेल लेने का भी ऑप्शन दिया है। हालांकि, बेल मिलने की स्थिति में कोलोमोइस्की को वो जगह छोड़कर जाने की इजाजत नहीं होगी जहां वो रह रहा है। उसे पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा साथ ही पूछताछ में भी शामिल होना होगा।
कोलोमोइस्की यूक्रेन का जाना-माना अरबपति है। जिसके मीडिया और बैंकिंग से जुड़े बिजनेस हैं। वो यूक्रेन के सबसे अमीर लोगों में से एक है। 2019 में जब जेलेंस्की ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा तो कोलोमोइस्की ने उनका समर्थन किया था।
2021 से उस पर अमेरिका की सैंक्शन यानी पाबंदियां लगी हैं। उस पर रुतबे का इस्तेमाल कर फायदा उठाने के आरोप लगाए गए थे। गिरफ्तारी के बाद जेलेंस्की ने कोलोमोइस्की का नाम लिए बिना कहा कि मैं भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को एक के बाद एक सुलझा रहे अधिकारियों का शुक्रिया अदा करता हूं। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से जेलेंस्की भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई करवा रहे हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने देश से भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा किया था
जंग शुरू होने के बाद से जेलेंस्की अपने ही कई मंत्रियों को करप्शन के आरोप में बर्खास्त कर चुके हैं। इनमें यूक्रेन के डिप्टी इंफ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर, डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर याचेस्लाव शापोवालोव शामिल हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। हालांकि, अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जेलेंस्की दर्जनों अधिकारियों को भी बर्खास्त कर चुके हैं।
रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने सेना भर्ती सेंटर्स के सभी हेड्स को बर्खास्त कर दिया है। इन 33 अफसरों ने लोगों से घूस लेकर उन्हें देश छोड़ने में मदद करने की थी। दरइसल, पिछले साल फरवरी में जंग की शुरुआत के साथ यूक्रेन में उन पुरुषों के देश छोड़ने पर बैन लगा दिया गया था, जो जंग लड़ने में सक्षम हैं।
यूक्रेन में पुरुष अपनी झूठी मेडिकल रिपोर्ट्स बनवा रहे हैं। इनमें उन्हें जंग के लिए अनफिट दिखाया गया है। राजधानी कीव समेत यूक्रेन के 11 इलाकों में ये स्कीम चल रही थी। पुलिस ने कीव, ओडेसा, ल्वीव समेत 100 से ज्यादा जगहों पर छापे मारे हैं जहां नकली मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए जा रहे थे।भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार लगाम लगाने के बावजूद इंटरनेशनल करप्शन इंडेक्स में 180 देशों में से यूक्रेन को 116वां स्थान मिला है।