‘रात के अंधेरे में लोकतंत्र की हत्या!
‘ये फ़र्जीकल स्ट्राइक है!‘
‘कुर्सी को फ़ेविकॉल लगाकर बैठें तो ज़्यादा उचित रहेगा‘
‘मर्द मावले जंग को तैयार रहते हैं‘
ये सभी पंक्तियां शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना‘ में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखी हुई हैं.
मावले (मराठी में ‘मावळे’) छत्रपति शिवाजी के सैनिकों को कहा जाता है.
महाराष्ट्र में बड़े उलटफेर के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के ज़रिए भारतीय जनता पार्टी, देवेंद्र फडणवीस और अजित पर जमकर निशाना साधा है.
अख़बार के पहले पन्ने लिखा है: जुगाड़ वाली सरकार को ज़ोरदार झटका. 54 में से 50 विधायक शरद पवार के साथ. तीन विधायकों के साथ फंस गए अजित दादा.
अख़बार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के कई बयानों को प्रमुखता से छापा है. मसलन, ”शिवसेना की राजनीति का अर्थ रात का खेल नहीं है. हम जो भी करते हैं, दिन-दहाड़े करते हैं. तुम तोड़-फोड़ की राजनीति करते हो, हम सीधे-सामने बात करते हैं.”
अख़बार ने उद्धव ठाकरे के उस बयान को भी विस्तार से छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि मर्द मावले जंग को तैयार रहते हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा, “छत्रपति शिवाजी का यह महाराष्ट्र बोलने तक ही सीमित नहीं है. पीठ पर वार होने पर महाराज ने क्या किया था, यह इतिहास सभी को पता है. इसलिए कोई पीठ पर वार करने की कोशिश न करे. मर्द मावले हमेशा जंग-ए-मैदान में तैयार रहते हैं.”
अख़बारों की सुर्खियों में महाराष्ट्र की राजनीति
भारत के प्रमुख हिंदी और अंग्रेज़ी अख़बारों ने महाराष्ट्र में आख़िरी मौके पर हुए नाटकीय बदलाव को बड़े ही दिलचस्प तरीके से पेश किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की हेडिंग है: While you were sleeping यानी जब आप सो रहे थे…
एक्सप्रेस के फ़्रंट पेज पर महाराष्ट्र की राजनीति पर चुटकी लेते हुए उन्नी का बनाया एक कार्टून भी छपा है. कार्टून में देवेंद्र फडणवीस को टूथब्रश लिए और शॉर्ट्स पहने राजभवन की ओर जाते दिखाया गया है. इस कार्टून के जरिए फडणवीस के सुबह-सुबह शपथ लेने की ओर इशारा किया गया है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की हेडिंग भी काफ़ी मज़ेदार है: The Real Day Night Test is in Mumbai यानी क्रिकेट वाला डे-नाइट टेस्ट चल तो कोलकाता में रहा है लेकिन असली डे-नाइट टेस्ट मुंबई में हुआ. इस शीर्षक के ज़रिए अख़बार ने महाराष्ट्र में रातोरात हुए नाटकीय बदलाव की तरफ़ इशारा किया है.
दैनिक जागरण का शीर्षक है: महा उलटफेर
दैनिक भास्कर का शीर्षक रचनात्मक है: पवारफ़ुल पॉलिटिक्स.
कोलकाता से प्रकाशित होने वाले अख़बार द टेलिग्राफ़ की हेडिंग है: We, The Idiots
हिंदुस्तान ने राज्य के पल-पल बदलते सियासी नज़ारे को अपने शीर्षक में कुछ यूं समेटा है:महाराष्ट्र में पल में तोला, पल में माशा
हिंदुस्तान के पहले पन्ने पर ‘सत्ता की राजनीति और जनादेश का उल्लंघन‘ शीर्षक से एक संक्षिप्त नज़रिया भी लिखा गया है.
इसमें लिखा गया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले दिनों जो हुआ, उस तरह की समस्याएं तब आती हैं, जब या तो जनादेश स्पष्ट न हो या फिर उसका खुला उल्लंघन हो.
अयोध्या में गायों के लिए बनेंगे जूट के कोट
इंडियन एक्सप्रेस में ख़बर है कि सर्दियों के मद्देनज़र अयोध्या में गायों के लिए जूट के कोट का इंतज़ाम किया जाएगा.
इस रिपोर्ट के अनुसार अयोध्या म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन 1,200 गायो के लिए जूट के कोट सिलवा रहा है.
अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने अख़बार को बताया, “आम तौर पर हम सर्दियों में गायों को जूट की बोरियों से ढकते हैं लेकिन वो बोरियां बार-बार गिर जाती हैं. इसलिए हमने सोचा कि इन्हें सिलवाकर बाक़ायदा कोट बनवा दिया जाए. पहले हम कुछ कोट बनाकर देखेंगे कि ये गायों को फ़िट आ रहे हैं या नहीं. अगर हमें ये कोट ठीक लगे, तो हम इन्हें बनवाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट देंगे.”
घट रही है शहरी बेरोज़गारी की दर: NSSO
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसएसओ) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च 2019 में शहरी बेरोज़गारी की दर में थोड़ी कमी दर्ज की गई है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़ अप्रैल-जून 2018 में शहरी बेरोज़गारी की दर 9.9 फ़ीसदी थी जो जनवरी-मार्च में घटकर 9.3 फ़ीसदी पर आ गई.
एनएसएसओ के इन आंकड़ों के अनुसार महिलाओं की बेरोज़गारी दर पुरुषों की बेरोज़गारी दर से ज़्यादा है.
जनवरी-मार्च 2019 में पुरुषों की बेरोज़गारी दर 8.7 फ़ीसदी थी जबकि महिलाओं की बेरोज़गारी दर 11.6 फ़ीसदी.