पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दो सलाहकारों ने एक ही दिन में अपने इस्तीफ़े सौंप दिए हैं. स्पेशल असिस्टेंट तानिया अदरूस और डाॅ जफर मिर्जा ने अपने इस्तीफ़े की जानकारी मीडिया के जरिए सार्वजनिक भी कर दी है. इमरान ने लगभग 20 लोगों को विभिन्न विषयों के लिए स्पेशल असिस्टेंट के रूप में नियुक्त कर रखा है, जिनमें से सात लोग ऐसे भी हैं जिनकी दोहरी नागरिकता है. लगभग दो हफ्ते पहले इन सभी स्पेशल असिस्टेंट की जानकारी सार्वजनिक की गई थी. कई लोग ऐसे भी इमरान खान के सलाहकार बन गए हैं जिनका अपना बिज़नेस इंटरेस्ट काफी अधिक है. उन्होंने पाकिस्तान और दुनिया के अन्य मुल्कों में अरबों की संपत्ति जुटा रखी है. ऐसे लोगों पर भी यह आरोप लगता रहा है कि ये गैरनिर्वाचित लोग बिना किसी जवाबदेही के पाकिस्तान के भविष्य का फैसला कर रहे हैं. आज इस्तीफ़ा देने वाली पहली सलाहकार तानिया अदरूस थी, जिन्हें इमरान खान ने इनफोर्मेशन टेक्नोलाॅजी विभाग में नियुक्त किया था, जबकि डाॅ जफर मिर्जा स्वास्थ्य विभाग का काम देख रहे थे. कोविड 19 के बारे में लगभग रोजाना ही वह प्रेस ब्रीफिंग किया करते थे. तानिया अदरूस से कहा कि वे इस्तीफ़ा इसलिए दे रही हैं, क्योंकि उनकी दोहरी नागरिकता को लेकर सरकार की बड़ी आलोचना हो रही थी. उन्होंने कहा कि जनता के हित में वे इस्तीफ़ा दे रही हैं. तानिया अदरूस के पास पाकिस्तान के अलावा कनाडा की भी नागरिकता है. डाॅ मिर्जा ने अपने इस्तीफे की जानकारी ट्वीटर के जरिए दी. उन्होंने कहा कि वह डब्लूएचओ छोड़कर पाकिस्तान सिर्फ इसलिए आए थे क्योंकि इमरान खान से उनकी व्यक्तिगत दोस्ती थी, वे मुझे पाकिस्तान में ज़िम्मेदारी देना चाहते थे. अब इन दोनों सलाहकारों के इस्तीफ़े के बाद इमरान खान की मुसीबत बढ़ने वाली है, क्योंकि इनके साथ साथ बाकी बचे सलाहकारों पर भी इस्तीफ़ा देने का दबाव बढ़ेगा. इन सलाहकारों में वित्त विभाग से लेकर रक्षा विभाग के सलाहकार हैं और इमरान इन्हें सरकार चलाने में बहुत उपयोगी मानते रहे हैं.