पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद दिए गए अपने पहले भाषण में भारत के पर्यावरण रिकॉर्ड की आलोचना की है। रविवार को कंजरवेटिव्स के एक ग्रुप से बात करते हुए ट्रंप ने जो बाइडेन द्वारा पेरिस के जलवायु परिवर्तन समझौते में फिर से शामिल होने के फैसले पर हमला बोला। फ्लोरिडा के ओरलेंडो में हुई कंजरवेटिव पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (सीपीएसी) की वार्षिक संगोष्ठी में ट्रंप ने कहा, हम नियमों का पालन कर रहे थे, लेकिन चीन, रूस और भारत धुआं फैला रहे हैं।
जबकि हम हर चीज की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले तो चीन ने 10 सालों के लिए किए जाने वाले इस काम की शुरुआत नहीं की। वहीं रूस पुराने स्टैंडर्ड्स के मुताबिक चल रहा है। बाइडेन द्वारा अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी के पलटे जाने को लेकर ट्रंप ने कानूनी और अवैध अप्रवासियों के बीच अंतर बताया। ट्रंप ने बाइडेन पर आरोप लगाया कि उन्होंने अवैध इमिग्रेशन के लिए रास्ते खोल दिए हैं जबकि इमिग्रेशन योग्यता के आधार पर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, ट्रंपवाद का अर्थ है मजबूत सीमाएं, ताकि हमारे देश में लोग योग्यता के आधार पर आएं। ताकि वे अंदर आकर हमारी मदद कर सकें ना कि अपराधी आएं और हमारे लिए समस्याएं खड़ी करें। मेक्सिको के साथ दक्षिणी सीमा पर एक आव्रजन संकट चल रहा था और मध्य अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के कारवां भेजने वाले देश हमें अपना सर्वश्रेष्ठ और उनका सर्वश्रेष्ठ नहीं दे रहे थे। ट्रंप ने चेन माइग्रेशन यानि कि एक्सटेंडेड परिवारों के सदस्यों को अनुमति देने की नीति की भी आलोचना की।
जबकि हम हर चीज की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले तो चीन ने 10 सालों के लिए किए जाने वाले इस काम की शुरुआत नहीं की। वहीं रूस पुराने स्टैंडर्ड्स के मुताबिक चल रहा है। बाइडेन द्वारा अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी के पलटे जाने को लेकर ट्रंप ने कानूनी और अवैध अप्रवासियों के बीच अंतर बताया। ट्रंप ने बाइडेन पर आरोप लगाया कि उन्होंने अवैध इमिग्रेशन के लिए रास्ते खोल दिए हैं जबकि इमिग्रेशन योग्यता के आधार पर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, ट्रंपवाद का अर्थ है मजबूत सीमाएं, ताकि हमारे देश में लोग योग्यता के आधार पर आएं। ताकि वे अंदर आकर हमारी मदद कर सकें ना कि अपराधी आएं और हमारे लिए समस्याएं खड़ी करें। मेक्सिको के साथ दक्षिणी सीमा पर एक आव्रजन संकट चल रहा था और मध्य अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के कारवां भेजने वाले देश हमें अपना सर्वश्रेष्ठ और उनका सर्वश्रेष्ठ नहीं दे रहे थे। ट्रंप ने चेन माइग्रेशन यानि कि एक्सटेंडेड परिवारों के सदस्यों को अनुमति देने की नीति की भी आलोचना की।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ