यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग आईएस- 227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें सिर्फ 50 केस का ही कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। जिसमें से उमेश पाल अपहरण कांड का फैसला आज आना है।
वहीं, जल्द ही अतीक अहमद एवं सहअभियुक्तों से संबंधित तीन अन्य मामलों में अभियोजन में जल्द फैसला आने की चर्चा है, अभी तक अतीक को किसी मामले में सजा नहीं हुई हुई है। जहां उसके खिलाफ 101 मामले दर्ज हैं। वहीं उसकी फैमिली के 60 मुकदमे और उसके भाई अशरफ का नाम 52 मामले दर्ज हैं
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय के मुताबिक, वर्तमान में माफिया अतीक अहमद पर 1996 से अब तक दर्ज मुकदमो में से 50 मुकदमे में न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं। आज (मंगलवार) को उसके और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज थाना में दर्ज मुकदमा संख्या 270/07, एस0टी0 संख्या-1336/07 धाराः 147, 148, 149, 323, 341, 342, 364, 504, 506 आईपीसी व 7 सीएलए एक्ट में फैसला आना है। वहीं, उससे जुड़े तीन मुकदमो में अभियोजन की पैरवी के चलते जल्द फैसला आने की उम्मीद है। जिनका ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद के 12 मुकदमो में वकीलों के लगातार कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने से ट्रायल नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद ADG आशुतोष पांडेय के समीक्षा करने के बाद अपर निदेशक अभियोजन, प्रयागराज परिक्षेत्र राजेश कुमार श्रीवास्तव ने अभियोजक के साथ के मिलकर उन्हें कोर्ट में रखा।
जिसके बाद से माफिया अतीक अहमद के यह 12 मामले भी अपर सत्र न्यायाधीश /MP /MLA इलाहाबाद और सिविल जज (वरिष्ठ श्रेणी) पीठासीन अधिकारी- MP /MLA, इलाहाबाद में दिन-प्रतिदिन सुनवाई चल रही है।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के खिलाफ 3, बेटे अली के खिलाफ 4 और उमर के खिलाफ 1 केस दर्ज है। पत्नी के खिलाफ दर्ज तीनों केस का ट्रायल स्पेशल सीजेएम कोर्ट में चल रहा है।
वहीं अली अहमद के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने, धार्मिक भावनाओं से छेड़छाड़ में दर्ज केस की विवेचना की जा रही है। जबकि अली के खिलाफ आर्म्स ऐक्ट में दर्ज मुकदमे में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अली करेली में हुई हत्या के प्रयास मामले में नैनी जेल में और उमर सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए डकैती और किडनैपिंग केस में लखनऊ की जेल में बंद है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक के राजनीति में कदम रखते ही उसका रसूख बढ़ा। नतीजा डकैती के दौरान हत्या, एससी-एसटी ऐक्ट, बलवा, अवैध वसूली, गैंगस्टर ऐक्ट समेत गंभीर धाराओं में दर्ज चार मुकदमे साल 2001, 2003 और 2004 में सरकार ने वापस ले लिए।
वहीं, 14 मामलों में गवाहों के मुकरने, साक्ष्य ने जुटाने के कारण अतीक दोषमुक्त हो चुका है। जबकि 6 मामलों में पुलिस ने जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। जिसको लेकर सरकार की तरफ से दिशा-निर्देश जारी होने के बाद अभियोजन विभाग उनके विषय में कानूनी सलाह ले रहा है।