प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे का आज आखिरी दिन है। भारत रवाना होने से पहले मोदी ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ बैठक की। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित ऑस्ट्रेलिया के भी कई अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में दोनों के बीच ट्रेड और डिफेंस सेक्टर से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों क्वॉड के मेंबर हैं। वैसे तो यह ग्रुप नॉन मिलिट्री है, लेकिन चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए माना जा रहा है कि दूसरे तरीकों से मिलिट्री कोऑपरेशन बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया से बातचीत में एंथनी अल्बनीज ने कहा- सितंबर में जी-20 समिट भारत में होने वाली है। इस मौके पर मुझे प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का अवसर मिलेगा। मैं चाहता हूं कि दोनों देश उन सेक्टर में भी आगे बढ़ें, जिन पर अब तक ज्यादा काम नहीं हुआ है।
दोनों लीडर्स ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, इकोनॉमिक कोऑपरेशन और पीपुल टु पीपुल कॉन्टैक्ट बढ़ाने के लिए भी बातचीत कर सकते हैं।
अगर ट्रेड के हवाले से बात करें तो ऑस्ट्रेलिया भारत का 13वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। 2022 में भारत ने कुल 6.95 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया। इसी दौरान 19 अरब डॉलर का इम्पोर्ट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सिडनी के कुडोस बैंक एरिना में भारतीय मूल के 20 हजार से ज्यादा लोगों को संबोधित किया। इस दौरान PM मोदी ने कहा- भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हमारे लिए पूरी दुनिया एक परिवार है। भारत-ऑस्ट्रेलिया का रिश्ता भरोसे और सम्मान पर टिका है।
मोदी ने कहा- मैंने पिछले दौरे के वक्त 2014 में वादा किया था कि ऑस्ट्रेलिया को फिर किसी भारतीय PM के लिए 28 साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया के PM अल्बनीज ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा- ‘मोदी इज द बॉस’। पहली बार यहां ऑस्ट्रेलिया में किसी प्रधानमंत्री का इतना भव्य स्वागत हुआ है। PM मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। हम दोनों देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर रिश्तों को और मजबूत करेंगे।
PM मोदी के भाषण की अहम बातें
PM मोदी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों पर कहा, “एक समय था जब हमारे संबंधों को 3C (कॉमनवेल्थ, क्रिकेट, करी), 3D (डेमोक्रेसी, डायसपोरा, दोस्ती) और 3E (एनर्जी, इकोनॉमी, एजुकेशन) पर आधारित बताया जाता था। मगर अब इन संबंधों का आधार आपसी विश्वास और सम्मान है।
हिंद महासागर हमें आपस में जोड़ता है। हमारे यहां त्योहार भले ही अलग-अलग मनाए जाते हैं, लेकिन फिर भी हम दिवाली की रौनक और बैसाखी जैसे त्योहारों से जुड़े हुए हैं।
हैरिस पार्क कई लोगों के लिए हरीश पार्क हो जाता है। सिडनी के पास भी लखनऊ नाम की एक जगह है। ऑस्ट्रेलिया में कश्मीर, मालाबार जैसी स्ट्रीट्स से भारत की झलक दिखती है।
भारत के पास सामर्थ्य और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी और युवा टैलेंट फैक्ट्री भारत के पास है।
भारतीय कहीं भी रहे, उनमें एक मानवीय स्वभाव मौजूद रहता है। भारत हर संकट में मदद और समाधान के लिए तैयार रहता है।
भारत अपने हितों को सबके हितों से जोड़कर देखता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप लगातार बढ़ रही है। जल्द ही दोनों देशों के बीच ट्रेड दोगुना हो जाएगा।
ये PM मोदी का दूसरा ऑस्ट्रेलिया दौरा है। इसके पहले वो 2014 में सिडनी गए थे। मोदी के शुरुआती शेड्यूल के मुताबिक उन्हें ऑस्ट्रेलिया QUAD की बैठक के लिए जाना था। हालांकि अमेरिका में चल रही कर्ज की समस्या के कारण बैठक को G7 समिट के दौरान जापान में ही कर लिया गया। इसके बावजूद PM ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा रद्द नहीं किया।